Kota: कोटा के लोगों के लिए खुशखबरी! दिसंबर 2021 से पहले बसी अवैध कॉलोनियों को किया जाएगा नियमित
Rajasthan News: कोटा में अवैध कॉलोनियों को वैध करने का वादा तब किया गया था जब कांग्रेस ने राज्य में 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान चलाया था. अब कांग्रेस इस वादे को पूरा करने जा रही है.
Kota News: कोटा (Kota) यूआईटी अब कच्ची बस्तियों और अन्य बस्ती के लोगों को पट्टा देने की तैयारी कर रही है. पट्टे देने के नियमों और शर्तों में लगातार शिथिलता आने के बाद अब राज्य सरकार ने 31 दिसंबर 2021 से पहले बसी अवैध कॉलोनियों (Illegal Colonies) को भी नियमित करने का फैसला लिया है. इन कॉलोनियों में पट्टे जारी करने के बाद इसका फायदा शहर के करीब 15 हजार लोगों को मिलेगा. कोटा में नगर विकास न्यास और नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार शहर की 200 कॉलोनियों और कच्ची बस्तियां ऐसी हैं जो वर्ष 2013 से बसी हुई हैं. इन कॉलोनियों में किसी ना किसी नियमों की उलझन के कारण पट्टे नहीं दिए जा रहे थे.
कोटा के बारां रोड, देवली अरब रोड, बूंदी रोड, रावतभाटा रोड और नए कोटा के दूरदराज क्षेत्र में बनी छोटी-बड़ी कॉलोनियां इस दायरे में आ जाएंगी. जहां रहने वालों के सिर पर अब वैध छत होगी. हालांकि अभी भी कुछ लोगों को मायूसी हाथ लग सकती है क्योंकि 40-50 साल से परकोटे के आसपास रह रहे 20 मकानों को पट्टे देने के लिए कोई रास्ता नहीं निकाला जा रहा है. वहीं राहत की बात यह है कि कई कॉलोनियों के बाशिंदों को महज 501 रुपए में पट्टा मिल जाएगा. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान के दौरान अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों की समस्या के निस्तारण पर बात की थी. साथ ही पट्टे की समस्या से निजात दिलाने का वादा किया था, जिसे पूरा किया जा रहा है.
कॉलोनियों के पट्टे देने के लिए 17 अप्रैल से कैंप
राज्य सरकार की योजना के अनुसार 31 दिसम्बर 2021 से पहले की कॉलोनियों के पट्टे देने के लिए 17 अप्रैल से कैंप लगाए जाएंगे. पट्टे लेने के लिए आवेदक को चेन ऑफ डॉक्यूमेंट यानी मकान के पहले मालिक से लेकर अंतिम मालिक तक की खरीद-बेचने के दस्तावेज, कॉलोनी का ले-आउट, नक्शा, आधार कार्ड, पैनकार्ड, फोटो इत्यादि पट्टा बनने के लिए जरूरी हैं.
ये भी पढ़ें-
Rajasthan Election 2023: भरतपुर आएंगे गृह मंत्री अमित शाह, असदुद्दीन ओवैसी भी करेंगे दौरा