Rajasthan: सरकार शुरू करने जा रही है ये खास स्कीम, नरेगा में श्रमिकों की फर्जी हाजिरी पर लगेगी लगाम
Rajasthan News: राजस्थान में नरेगा में कार्यरत श्रमिकों की उपस्थिति ऑनलाइन एप के जरिए ली जाएगी. नई व्यवस्था से फर्जी श्रमिकों को लेकर आ रही शिकायतों पर लगाम लग सकेगी साथ ही भुगतान भी समय पर होगा.
Rajasthan Nrega Fake Attendance: नरेगा में श्रमिकों की फर्जी हाजिरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नई शुरुआत की है, जो फरवरी से शुरू हो जाएगी. इसके तरत नरेगा में कार्यरत श्रमिकों की उपस्थिति ऑनलाइन एप के जरिए ली जाएगी. एमएसएस एप पर ऑनलाइन रूप से जियो टैगिंग के साथ उपस्थिति दर्ज की जाएगी. नई व्यवस्था से फर्जी श्रमिकों को लेकर आ रही शिकायतों पर लगाम लग सकेगी साथ ही श्रमिकों का भुगतान भी समय पर होगा. शिकायतें रहती थी कि नरेगा में काम करने वाले श्रमिक फर्जी उपस्थिति दर्ज करवा कर भुगतान लेते हैं. इससे जरूरतमंद श्रमिकों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा था. लोगों की तरफ से भी लगातार शिकायतें की जा रही थी कि मेटों के माध्यम से फर्जी लोग नरेगा योजना में नाम जुड़वाकर गलत तरीके से भुगतान उठा रहे हैं. अब फोटो युक्त ऑनलाइन माध्यम से उपस्थिति व्यवस्था के चलते काफी हद तक इस फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी. इसके लिए जिले में सभी मेटों को पंचायत समिति सभागार में भी प्रशिक्षित किया गया है.
दर्ज की जाएगी ऑनलाइन उपस्थिति
योजना के अनुसार मस्टररोल में जारी श्रमिकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी. श्रमिकों की उपस्थिति साइट पर ही जियो टैगिंग के साथ होगी. इससे अन्य जगह या साइट से उपस्थिति मेट दर्ज नहीं कर पाएंगे. सुबह 11 बजे तक सभी श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करवानी अनिवार्य होगी. 11 बजे के बाद अनुपस्थिति रहे श्रमिकों की अनुपस्थिति खुद ही एप में दर्ज हो जाएगी. वहीं, दोपहर को 2 से 5 बजे के बीच फिर श्रमिकों की उपस्थिति के साथ उनके द्वारा किए गए कार्य की फोटो अपलोड की जाएगी.
देरी से होता था भुगतान
एप के जरिये फर्जी श्रमिकों की शिकायत कभी भी दर्ज करवाई जा सकती है. इसकी जांच में फोटो का मिलान और व्यक्ति की पहचान की जाएगी. फर्जीवाड़ा पकड़े जाने पर उस श्रमिक और मेट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऑनलाइन माध्यम से सभी डाटा रियल टाइम में पंचायत समिति में पहुंच जाएगा. पहले सभी मस्टर रोलों की हार्ड कॉपी समिति में जमा करवाई जाती थी, जिसमें काफी समय लग जाता था. इसी वजह से भुगतान भी देरी से हो पाता था, अब इससे निजात मिलेगी.
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