Rajasthan News Today: राजस्थान के सभी जिलों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जल्द ही 'मां वाउचर योजना' जल्द ही लागू होने वाली है. प्रदेश सरकार सभी मां और शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य को अपनी जिम्मेदारी मानते यह विशेष योजना लागू करने जा रही है.


सरकार की मंशा है कि प्रत्येक गर्भवती और शिशु का जीवन स्वस्थ और सुरक्षित रहे. इस योजना से न सिर्फ संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी होगी, बल्कि प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी सुधार होगा. 


सही समय पर सोनोग्राफी से हाई रिस्क प्रेगनेंसी को पहले से ही चिन्हित कर लिया जाएगा और रिपोर्ट के अनुसार हाई रिस्क वाली गर्भवती को बड़े केंद्र पर प्रसव के लिए भेजा जाएगा. जिससे मां और शिशु के जीवन सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी.


एसएमएस के माध्यम मिलेगा कूपन
मां वाउचर योजना के तहत 12 सप्ताह या 84 दिन से अधिक गर्भ वाली महिला को उसकी सहमति के बाद एसएमएस के माध्यम से कूपन भेजा जाएगा (जिसका प्रिंट भी लिया जा सकता है). 


इस पर एक लिंक रहेगा, इस लिंक पर क्लिक करने से क्यूआर कोड प्राप्त होगा. उसको स्कैन करके निजी चिकित्सा संस्थान पर सोनोग्राफी कराई जा सकेगी.


योजना का कैसे मिलेगा लाभ?
कोटा के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जगदीश सोनी ने बताया कि इसका लाभ प्रदेश के सरकारी चिकित्सा संस्थान पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस (महीने की 9, 18, 27 तारीख) के दिन आने वाली गर्भवती महिला को मिलेगा. 


उन्होंने बताया कि 84 दिन या उससे अधिक दिन की गर्भवती महिला को इस योजना के तहत पंजीकृत निजी संस्थान में सोनोग्राफी करवा सकती है. मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिला एक निशुल्क सोनोग्राफी योजना के तहत पंजीकृत निजी संस्थान पर करवा सकती है. 


डॉ. सोनी ने बताया कि सोनोग्राफी का वाउचर 30 दिन तक के लिए मान्य होगा. अगर किसी वजह से महिला सोनोग्राफी नहीं करा पाती है तो वह दोबार संस्थान पर जाकर उसकी अवधि 30 दिन तक के लिए और बढ़ा सकती है, इसकी मान्य अवधि 60 दिन की है. 


मां वाउचर योजना प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाओं के लिए है. इसमें किसी भी तरह की श्रेणी होने की आवश्यकता नहीं है. जिस भी गर्भवती का रजिस्ट्रेशन पीसीटीएस के तहत होता है, वह इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र है.


प्रदेश के सभी पंजीकृत अस्पताल में होगी सोनोग्राफी
डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि मां वाउचर योजना के तहत प्रदेश की गर्भवती महिलाएं, पूरे राजस्थान में योजना के तहत पंजीकृत किसी भी निजी संस्थान में सोनोग्राफी करवा सकती हैं. एक जिले की गर्भवती महिला दूसरे जिले में भी सोनोग्राफी करवा सकती है. 


योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिला को अपना जन आधार कार्ड और मोबाइल चिकित्सा संस्थान पर लाना आवश्यक है. इसकी वजह यह है कि मोबाइल पर ही ओटीपी के माध्यम से गर्भवती की स्वीकृति के बाद एसएमएस के जरिए वाउचर जारी किया जाएगा.
 
सोनोग्राफी सेंटर को मिलेंगे 450 रुपए
मां वाउचर योजना के तहत पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से निजी संस्थान में सोनोग्राफी के लिए वाउचर जारी किया जाएगा. इसके बाद सोनोग्राफी करने के दौरान इंपैक्ट सॉफ्टवेयर पर सारा रिकॉर्ड दर्ज होगा. 


सोनोग्राफी रिपोर्ट और रील अपलोड होने के बाद ओजस सॉफ्टवेयर के माध्यम से वेरिफिकेशन होने के बाद उपनिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जरिये इसके लिए संस्थान को 450 रुपये की राशि स्वीकृत की जाएगी, जो सीधा सोनोग्राफी सेंटर पर ऑनलाइन जमा होगी.


सोनोग्राफी सेंटर के साथ होगा एमओयू 
इस योजना के लिए मान्य सोनोग्राफी सेंटर्स को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ एमओयू करना होगा. उसके उपरांत मां वाउचर योजना के तहत संस्थान सोनोग्राफी कर पाएंगे. 


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जगदीश सोनी ने बताया कोटा में कुल 94 सोनोग्राफी सेंटर है, जिनको योजना की संपूर्ण जानकारी दे दी गई है.


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