Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों (Government Schools) के हालात से सभी वाकिफ है. यहां स्कूल में अच्छा बजट नहीं मिलने से व्यवस्थाओं का अभाव है. साथ ही स्कूलों के लेखा-जोखा पर मॉनिटरिंग करने के लिए बनाई विद्यालय प्रबंध समिति (smc) और विद्यालय विकास एवं प्रबंध समिति (sdmc) भी दूरी बनाए हुए हैं. कई स्कूलों की इन समितियों के सदस्य भी एक्टिव नहीं है लेकिन अब आगे ऐसा नहीं होगा. समितियों की स्कूल में भागीदारी बढ़ाने और जुड़ाव करने के लिए राज्य सरकार ने योजना शुरू की है. अगर यह समितियां स्कूल और विद्यार्थियों के लिए बेहतर काम करेगी तो उन्हें एक लाख रुपए तक पुरस्कार दिया जाएगा. यहीं नहीं पुरस्कार जीतने के बाद इन्हें बाहरी विजिट करने का मौका मिलेगा जिसमें वह अपने द्वारा किये गए कार्यों को दूसरी जगह बता सके.
तीन स्तरों पर विजिट और पुरस्कार
शिक्षा विभाग के आदेशानुसार तीन स्तरों पर विजिट और पुरस्कार दिया जाएगा. जिसमें राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर है. ब्लॉक स्तर पुरस्कार में दोनों समितियों को 11-11 हजार, जिला स्तर पर 51 हजार और राज्य स्तर पुरस्कृत होने पर 1 लाख रुपए दिए जाएगी. राजस्थान में 3825 माध्यमिक और 11872 प्राथमिक विद्यालय है और इन सभी में समितियां बनी हुई है.
ऐसे होगी बाहरी विजिट
स्टेट परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन होगा. इस कमेटी द्वारा जिलों की एक कमेटी का चयन कर उसमें से दो-दो सक्रिय सदस्यों का चयन किया जाएगा. इन्हें दूसरे राज्यों की श्रेष्ठ कमेटियों का विजिट कराया जाएगा. इस विजिट में राज्य स्तर की प्रकोष्ठ टीम को भी शामिल किया जाएगा. इस विजिट के लिए राशि भी मिलेगी. इसी तरह जिला स्तरीय विजिट के लिए सीडीईओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी जिले के हर ब्लॉक की कमेटी में से श्रेष्ठ दो एसएमसी, दो एसडीएमसी का चयन करेंगे जो अन्य जिलों में विजिट करेंगे. ऐसे ही ब्लॉक के लिए होगा जो अन्य ब्लॉक की विजिट करेंगे.
क्या होती है SMC और SDMC
शिक्षा निदेशालय ने 21 जनवरी 2015 को राजकीय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक के लिए विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) तथा कक्षा 1-8 तक के लिए विद्यालय प्रबन्धन समिति (SMC) के गठन के आदेश जारी किये गए थे. इन आदेशों के अनुसार विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा कक्षा 1-8 तक की कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ सर्व शिक्षा अभियान तथा मिड-डे-मील की राशि की प्राप्ति व व्यय का लेखा जोखा सहित अन्य कार्य की मॉनिटरिंग थी. साथ ही माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9-12 के विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार और विद्यालय भवन के विकास सम्बन्धी कार्य विद्यालय विकास एवं प्रबन्धन समिति (SDMC) द्वारा किये जाने की कहा था.
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