Jaipur: अब राजस्थान में 15 जुलाई से कृषि भूमि पर बनी कॉलोनियों के भी पट्टे मिलेंगे. 15 जुलाई कैंप लगाकर अनाधिकृत बसी कॉलोनियों को रेगुलाइज किया जाएगा. बता दें कि राजस्थान में पहले से ही यह अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन 15 जुलाई से इस अभियान का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है. इसके लिए हर वार्ड में कैंप लगाए जाएंगे. बता दें कि अभियान के तहत 31 दिसंबर 2021 तक अनाधिकृत बसी कॉलोनियों को वैध किया जाएगा और इन सभी कॉलोनियों में पट्टे मिलेंगे.


पहले नियम में 17 जून 1999 तक की बसी कॉलोनियों को ही रेगुलाइज किया गया था. जिसे अब राजस्थान स्वायत शासन विभाग ने बदलाव करते हुए 31 दिसंबर 2021 तक करने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस फैसले ने आमजन को  बड़ी राहत दी है. कृषि भूमियों में पट्टे बनने के नियम जारी होने के साथ ही इस बार ज्यादा पट्टे बनने की उम्मीद भी जगी है. नए नियमों से बरसों से मकान पर जो लोग पट्‌टा नहीं ले पा रहे थे, उन्हें भी पट्टा मिल सकेगा


पट्टे के लिए तीन दरें की गईं तय
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने नियमों में सरलीकरण करने के निर्देश दिए थे. उसके बाद पट्टे बनाने के नियम में बदलाव किया गया. इस नियम के बदलाव के बाद आमजन को तो फायदा  मिलेगा  ही साथ ही नगर निकाय को पट्टा जारी करने के दौरान मिलने वाली राशि से बड़ा राजस्व भी मिलेगा, जो क्षेत्र के विकास में काम आएगा. राज्य सरकार ने कृषि कॉलोनियों में विभिन्न निकायों में दरें निर्धारित की हैं. नियम के अनुसार तीन प्रकार की प्रीमियम दरों के निर्धारण का प्रस्ताव दिया गया था. इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने दी स्वीकृति दे दी है. इसके बाद नगरपालिका क्षेत्र में 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर, नगर परिषद क्षेत्र में 75 रुपये प्रति वर्ग मीटर और नगर निगम क्षेत्र में 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित की गई है. नियमों के मुताबिक साथ जनहित और सामाजिक सेवा के लिए कार्यों के दौरान शत-प्रतिशत की छूट दी जाएगी. 


इन जमीनों के नहीं बनेंगे पट्टे


 जो भूमि मंदिर माफी देवस्थान विभाग, सार्वजनिक ट्रस्ट, धार्मिक या चैरिटेबल या वक्फ बोर्ड, नेशनल हाईवे स्टेट हाईवे की सीमा, रेलवे बाउंड्री, नदी नाले, बहाव, डूब क्षेत्र, तालाब, बांध, राज्य व केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र, फॉरेस्ट, कोर्ट में विचाराधीन मामला सहित कई कारणों से आने वाली जमीनों पर पट्टे नहीं बनाए जाएंगे. जिस कॉलोनी में 60% भूखंड का निर्माण हो चुका है और लोग रह रहे हैं या ऐसी कॉलोनियां जिनमें 20 फीट रोड है वहां लेआउट की कोई जरूरत नहीं होगी. ऐसी जगहों पर स्थानीय निकाय सु मोटो 90 ए के तहत कार्रवाई की जाएगी. 


सरकारी जमीनों पर बने मकानों की पट्टा पॉलिसी
स्वायत शासन विभाग के डायरेक्टर कुंजीलाल लाल ने बताया कि सिवायचक भूमि सहित अलग-अलग सरकारी जमीनों पर 13 दिसंबर 2013 तक बसी कॉलोनियों को पट्टे दिए जाएंगे. सरकारी जमीन पर ऐसी कॉलोनियां हैं जो इस तारीख तक पूर्ण या आंशिक रूप से बस चुकी हैं  तो पट्टे बना दिए जाएंगे. पुरानी घनी आबादी की कॉलोनियों को छोड़ शेष में सुविधा क्षेत्र 40% तक और अंदर की सड़कों की चौड़ाई 30 फीट रखी जाएगी. चौड़ाई कम है तो 30 फिट चौड़ाई रखते हुए शेष भूखंड का पट्टा बनेगा. ऐसी कॉलोनियों में अधिकतम 300 वर्ग मीटर भूखंड का पट्टा बनेगा. इसके ऊपर के लिए राज्य सरकार से स्थानीय निकाय को मंजूरी लेनी होगी.


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