Rajasthan News: करौली हिंसा के बाद राजस्थान सरकार का आदेश, धार्मिक आयोजनों में लगी पाबंदी
Ajmer News: जिला कलेक्टर ने आदेश जारी किए तो अन्य जिलों में पाबंदी के लिए सुझाव दिया गया
Rajasthan News: नवसंवत्सर पर करौली में हिन्दू संगठनों की निकली शोभा यात्रा में हिंसा होने के बाद राजस्थान सरकार ने धार्मिक आयोजनों पर कड़ा रुख अपनाया है. अजमेर जिले में कलेक्टर ने आदेश जारी कर पाबंदी लगा दी है. यही नहीं करौली के बाद अन्य जिलों में ऐसे हालात न बने इसके लिए कलेक्टर, एसपी की बैठक में अधिकारी पाबंदियों पर सुझाव दे रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि आगामी दिनों में 10 अप्रैल को रामनवमी, 14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती, 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे हैं जिसमें विभिन्न समाज और संगठनों से जुलूस और शोभा यात्राएं निकली जाती है. इनमें कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए आदेश जारी हुए हैं.
अजमेर में पाबंदी का आदेश जारी, शांति ब्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने दिया जोर
अजमेर जिले के कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट अंशदीप ने धार्मिक आयोजनों के दौरान तेज आवाज में लाऊड स्पीकर का प्रयोग निषेध किया है और ऐसा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं. अपने आदेश में कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण अजमेर जिले (नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों सहित ) के सार्वजनिक स्थानों, धार्मिक स्थानों एवं अन्य आमजन को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में वातावरण शांतिमय बनाये रखने के लिय तीव्र ध्वनि विस्तारक यंत्र (डीजे) के प्रयोग को निषेध किया जाता है.
धार्मिक समारोहों में डीजे पर लगा रोक, कलेक्टर.एसपी के साथ विभिन्न संगठनों की हुई बैठक
. कोई व्यक्ति या उनका समूह या प्रतिनिधि किसी भी प्रकार के धार्मिक एवं अन्य समारोह के लिए तीव्र ध्वनि विस्तारक यंत्र (डीजे) का उपयोग बिना अनुमति के नहीं करेगा.
. यदि कोई इनका उपयोग करना चाहे तो संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति प्राप्त करेगा. स्वीकृति रात 10 बजे के बाद से सुबह 6 बजे के मध्य के लिए नहीं दी जा सकेगी.
. स्वीकृति बाद भी भी ध्वनि प्रदुषण का स्तर ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 की अनुसूची में निर्धारित स्तर से अधिक नहीं हो सकेगा.
. उदयपुर में भी सुझाव आएअजमेर के साथ ही उदयपुर में कलेक्टर.एसपी के साथ विभिन्न संगठनों की हुई बैठक में भी इसी प्रकार के सुझाव आए. कहा गया कि लाऊड स्पीकर की अनुमति नहीं दी जाए और भड़कावे गाने नहीं चलाए जाए. साथ ही जुलूस में आयोजकों से पास जारी किए जाए और छतों पर पुलिसकर्मी तैनात हो.
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