Rajasthan News in Hindi: बारां जिले में अब खेतों तक पानी आसानी से पहुंचेगा. टेल तक पानी पहुंचाने की राज्य सरकार की बजट घोषणा पर कार्य प्रारंभ होने जा रहा है. राज्य के खान और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पार्वती मुख्य नहर के सुदृढीकरण के लिए राज्य सरकार से 241.25 करोड रुपये की राशि स्वीकृत कराई है. कांग्रेस जिला संगठन महामंत्री कैलाश जैन ने बताया कि राज्य के खान और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया के विषेष प्रयास से 241.25 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है.जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की बजट घोषणा 2023-24 में पार्वती मुख्य नहर के सुदृढीकरण के कार्य की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी हुई है.इसका तकनीकी तखमीना स्वीकृत करवा कर शीघ्र ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसका लाभ कमांड क्षेत्र के किसानों को मिलेगा.
231 किमी है 62 माइनरों की लंबाई
जैन ने बताया कि पार्वती नदी पर डायवर्जन बनाकर इससे नहर निकालकर 1882 में एक छोटा सिस्टम तैयार किया गया था. इसे कालांतर में बढाया जाता रहा. साल 1941 में पिक-अप-वियर बनाया और मुख्य नहर बनाई गई जो कि कच्ची नहर है.आवश्यकतानुसार इसका क्षेत्र बढाया जाता रहा है. वर्तमान में इसके बाद बारां और अन्ता विधानसभा क्षेत्र की बारां और मांगरोल तहसील क्षेत्र के 57 गांवों की 12547 हेक्टर भूमि पर सिंचाई होती है.इस नहरी तंत्र में एक मुख्य नहर, एक ब्रांच,एक डिस्ट्रीब्यूटरी और 62 माइनरों की कुल लंबाई 231 किलोमीटर है.
पार्वती नहरी तंत्र की मुख्य नहरें होंगी पक्की
जैन ने बताया कि इस कार्य के तहत किशनपुरा बंधा (अटरू) के भराव क्षेत्र में जमा सिल्ट सफाई और गहराईकरण कर बंधे का सुदृढीकरण करने का प्रावधान लिया गया है. इसके तहत पार्वती नहरी तंत्र की मुख्य नहर, रजवाह ब्रांच, पीलिया डिस्ट्रिब्यूटरी को पूरी लंबाई में पक्का करने का काम और माइनरों को पक्का करने और खुदाई करने का प्रावधान लिया गया है. इस काम के तहत समस्त नहरी संरचनाओं, साइफन, एक्वाडक्ट, फाल, पुलिया, हेड और क्रोस रेगुलेटर नवीन फुटब्रिज और 14 जल उपयोक्ता संगमों के लिए भवन निर्माण का काम भी शामिल है.
कितने गांवों को मिलेगा सिंचाई का पानी
विधायक पानाचंद मेघवाल ने बताया कि इस परियोजना से अटरू तहसील के 13 गांवों की 1421.46 हेक्टर भूमि, बारां तहसील के 36 गांवों की 8830.36 हेक्टर भूमि और मांगरोल तहसील के नौ गांवों की 2295.55 हेक्टर भूमि पर सुगमता से सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा. इस नहरी तंत्र के जीर्णोद्धार और सुदृढीकरण से पूरे कमांड क्षेत्र और विशेष तौर पर टेल क्षेत्र के काश्तकारों को सिंचाई जल उपलब्ध हो सकेगा. इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार होगा.
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