Rajasthan Kadana Dam: गुजरात स्वामित्व के कडाणा बांध से राजस्थान (Rajasthan) की सीमा में आने वाले बैक वॉटर से 353 गांवों की प्यास बुझेगी. ये गांव डूंगरपुर (Dungarpur) जिले में हैं जो गुजरात बॉर्डर से सटे हैं. इस इलाको में लोग वर्षों से हैंडपंप या कुओं पर ही निर्भर हैं. सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की तरफ से की गई घोषणा में 885 करोड़ रुपए जारी कर इन गांवों तक पीने का पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए 125 टंकियों का निर्माण किया जाएगा. लोग भी इस बात के इंतजार में हैं जब कडाणा बांध (Kadana Dam) के बैक वाटर का पानी गांवों तक पहुंचेगा. अब कडाणा बांध के साथ ही माही नदी (Mahi River) के बैक वाटर को लेकर भी सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल गई है. इसके डीपीआर को लेकर वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है, इसके बाद तकनीकी स्वीकृति मिलेगी. टेंडर लगने के बाद वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे. इस प्रक्रिया में 3 से 4 महीनों की वक्त लग जाएगा.


हजारों परिवारों को मिलेगी राहत 
बता दें कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डूंगरपुर जिले में बजट घोषणा के तहत कडाणा बांध के बैक वाटर से पानी लाने के लिए डीपीआर बनाने को स्वीकृति दी थी. कडाणा बांध गुजरात की सीमा में है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा राजस्थान के डूंगरपुर जिले में भी है. उदयपुर संभाग से निकलने वाली नदियों, बांध और जलाशय का पानी ओवरफ्लो होकर या बहकर कडाणा बांध क्षेत्र में पहुंचता है. इस बांध का स्वामित्व गुजरात सरकार के पास है. माही नदी के बैक वाटर का क्षेत्र डूंगरपुर के गलियाकोट ब्लॉक क्षेत्र में आता है. इसकी स्वीकृति से हजारों परिवारों को राहत मिलेगी.


गर्मी मे अधिक होती है पानी की समस्या 
इस योजना में डूंगरपुर के चिखली, कुआं, पीठ, सीमलवाड़ा, धंबोला, करावाड़ा, इधरी, गैंजी समेत बड़े कस्बों के अलावा गांव भी आते है. यहां पर गर्मी के समय पानी का अधिक संकट लोगों को झेलना पड़ता है. वहीं, पहाड़ी वाले भाग में पानी की दिक्कत अक्सर रहती है. इस योजना में गलियाकोट चिखली, सीमलवाड़ा और झौधरी के 353 गांव तक पानी पहुंचाया जाएगा.


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