Bumper Production of Garlic in Rajasthan: राजस्थान में लहसुन की पैदावार बंपर होने के बाद किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. लहसुन कम कीमत पर बेचने को मजबूर किसान को लहसुन की पैदावार की अच्छी कीमत मिले इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से राजस्थान के लहसुन खरीद का प्रस्ताव भेजा गया है. अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो आगामी दिनों में बाजार हस्तक्षेप योजना में राजस्थान में लहसुन की खरीद शुरू हो सकती है.


राजस्थान सरकार ने 29.57 रुपए प्रति किलो की दर से बाजार हस्तक्षेप योजना में लहसुन खरीद का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. राजस्थान कृषि आयुक्तालय के कमिश्नर चेतन देवड़ा ने बताया कि हमने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेज दिया है.


लहसुन की खरीद का प्रस्ताव केंद्र को भेजा


आखिर लम्बी जद्दोजहद के बाद राज्य सरकार ने बाजार हस्क्षेप योजना में लहसुन की खरीद का प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया है. खरीद के प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद खरीद शुरू होने की संभावना है. उम्मीद जताई जा रही है कि इसी माह केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी. इसके लिए उच्च स्तरीय प्रयास शुरू हो गए हैं, हालांकि बाजार हस्तक्षेप में खरीद की दर 2,957/- रुपए प्रति क्विंटल का प्रस्ताव भेजा गया है जो लागत मूल्य के सम्मान है.


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बाजार हस्तक्षेप योजना में पूर्व में हुआ था घाटा


केंद्र और राज्य सरकार ने बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राजफैड ने 2018 में लहसुन की खरीद की थी. इस पर करीब 258 करोड़ रुपए का खर्च आया था. लहसुन को दिल्ली में बेचने पर 9 करोड़ 43 लाख और कोटा में 57 करोड़ 22 लाख रुपए सरकार की आय हुई थी. इन्हें मिलाकर करीब 67 करोड़ रुपए सरकार को मिले थे. इस लहसुन खरीद में 191.45 करोड़ का खर्च सरकार का हुआ था जिसे राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने वहन किया था.


1.15 लाख हेक्टेयर में बुआई


हाड़ौती में इस साल एक लाख 15 हेक्टेयर में लहसुन की बुआई हुई थी. बुआई के बाद मावठ होने और जमीन में लगातार नमी रहने के कारण उत्पादन भी कम बैठा है. अब दामों ने दगा दे दिया है. इस कारण किसान सदमे में हैं. किसानों का कहना है कि मौजूदा भावों में बेचने पर घाटे का सौदा साबित हो रहा है. इस कारण कोटा संभाग की मंडियों में लहसुन की आवक भी बहुत कम हो रही है. किसान अब सरकार की ओर देख रहे हैं.


पहले से कम का प्रस्ताव


2018 में लहसुन के दाम न्यूनतम स्तर पर आने पर केंद्र सरकार ने नेफेड के माध्यम से हाड़ौती में लहसुन की 32.57 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद की थी. अब 29.57 रुपए प्रति किलो का प्रस्ताव भेजा है.


बुआई के वक्त बिक रहा था 70 से 100 रुपए किलो


किसान रबी सीजन में लहसुन की बुआई की तैयारी कर रहे थे तब लहसुन का दाम 70 से 100 रुपए किलो था. किसानों ने अच्छे दामों की उम्मीद में इस बार लहसुन की जबर्दस्त बुआई की थी. अब फसल आते ही दाम औंधे मुंह गिर गए हैं. मंडियों में औसत भाव 25 से 35 रुपए किलो का है. पिछले साल कोटा संभाग में 95 हजार हेक्टेयर में बुआई हुई थी जबकि इस साल 1.15 लाख हेक्टेयर में बोया गया था. हाड़ौती में इससे अधिक लहसुन की बुआई 50 हजार हेक्टेयर एक जिले में हुई है.


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