Silicosis Certificate:  राजस्थान में पत्थर तोड़कर अपना पेट पालने वाले मजदूरों को सिलिकोसिस बीमारी (silicosis) होने पर सिलिकोसिस प्रमाण पत्र (silicosis certificate) के लिए अस्पताल एवं ऑफिस के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने इसको लेकर गाइडलाइंस जारी करते हुए न्यू सिलिकोसिस पोर्टल (New Silicosis Portal) शुरू किया है.


मजदूरों को करना पड़ता था परेशानियों का सामना 
सरकार की ओर से सिलिकोसिस पीड़ितों को जो आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती थी, उसे अब तक बिचौलिये और दलाल हजम कर जाते थे और पीड़ितों को उनका पूरा हक नहीं मिलता था. वहीं पीड़ितों को सरकारी सहायता राशि मिलने की प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि बीमारी से जूझते हुए मजदूरों को सहायता नहीं मिलती थी और मरने के बाद उनके परिवार को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.  


अब घर बैठे मिलेगी सहायता
सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मजदूरों को अब सर्टिफिकेट बनवाने और वेरिफिकेशन के लिए बार-बार दफ्तरों में चक्कर लगाने से निजात मिलेगी. पीड़ित श्रमिकों को अब घर बैठे सहायता राशि उपलब्ध हो सकेगी. राज्य सरकार द्वारा सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ित मरीज के लिए 3 लाख रुपये सहायता राशि देने का प्रावधान है. वहीं, पीड़ित मजदूर की मृत्यु के बाद 2 लाख रुपए उसके परिजनों को और उसके अंतिम संस्कार के लिए 10 हजार रुपए देने का प्रावधान है.


भरतपुर में अब तक 48 करोड़ रुपए मंजूर
भरतपुर जिले में सिलिकोसिस से पीड़ित मजदूरों को सरकार की तरफ से अब तक लगभग 48 करोड़ रुपये की सहायता राशि आवंटित की जा चुकी है और 2554 पीड़ित लोगों को मासिक पेंशन दी जा रही है. 


अब सीधे पीड़ित के खाते में आएगा पैसा
सिलिकोसिस प्रमाण पत्र अब सीएचसी पर कार्यरत डॉक्टर ही बना सकता है. पहले तीन डॉक्टर के बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र को बनाया जाता था, सरकार ने अब सरलीकरण करते हुए सिलिकोसिस रोगी को प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सीएचसी स्तर पर एक चिकित्सक से प्रमाणीकरण कराना होगा. सीएचसी से ही सात दिन में प्रमाण पत्र जारी होगा.


सिलिकोसिस से पीड़ित व्यक्ति ई-मित्र से प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकेंगे. निरस्त हुए प्रकरणों का पुन: रजिस्ट्रेशन, भौतिक सत्यापन व वेरिफिकेशन की पुरानी प्रक्रिया खत्म कर अब  ई-केवाईसी के जरिये ऑटो सत्यापन होगा. साथ ही कम्प्यूटरीकृत प्रमाणीकरण एवं स्वीकृति की व्यवस्था दी गई है. सिलिकोसिस पीड़ित को मिलने वाली सहायता राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम से सीधे पीड़ित के बैंक खाते में होगा.


सिलिकोसिस पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में भेजे सुझाव 
मनीराम मीणा एवं युवा विकास समिति के सक्रिय सदस्यों ने राज्य सरकार को  सिलिकोसिस प्रमाणीकरण की पुरानी  जटिल प्रकिया को सरलीकरण करवाने  हेतु और  सिलिकोसिस  पीड़ितों एवं उनके आश्रितों को मिलने वाली सहायता राशि को  सुगम एवं पारदर्शी बनवाने  के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को समय-समय पर सुझाव भेजे, जिसके परिणामस्वरूप  राज्य सरकार ने न्यू सिलिकोसिस पोर्टल शुरू किया. इसमें युवाओं के द्वारा पूर्व में समय-समय पर प्रेषित सुझावों को शामिल कर नई गाइडलाइन जारी की है.


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