Rajasthan News: राजस्थान सरकार निजी मेडिकल कॉलेज फीस को रेगुलेट करने के लिए लायेगी बिल, रिटायर्ड जज की अगवाई में टीम गठित
Rajasthan Medical College Fee Structure: राजस्थान सरकार ने राज्य के सभी निजी मेडिकल कॉलेज फीस में एकरूपता लाने के मसौदा तैयार किया है. कानूनी और वित्तीय जांच के बाद विधेयक को सदन में पेश किया जाएगा.
Rajasthan Private College Fee Issue: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने निजी मेडिकल कॉलेज (Private Medical Colleges) के फीस के अन्तर में एकरूपता (Uniformity) लाने के लिए, "द राजस्थान प्राइवेट मेडिकल इंस्टीट्यूशन फिक्सेशन ऑफ फीस बिल (The Rajasthan Private Medical Institution Fixation of Fee Bill)" नाम से बिल लायेगी. इसके लिए राज्य सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है, जहां एक रिटायर्ड हाई कोर्ट के जज (Retired High Court Judge) की अगवाई में एक पैनल दूसरे राज्यों के मेडिकल कॉलेज की फीस स्ट्रक्चर (Fee Structure) का अध्ययन कर रहा है.
स्वास्थ्य सचिव वैभव गलरिया ने निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस को लेकर कही यह बात
राजस्थान के स्वास्थ्य सचिव वैभव गलरिया ने निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारण के संबंध में कहा, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक एक फीस रेगुलेशन कमेटी का गठन किया गया है, जो निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस तय करेगी."
उन्होंने आगे कहा कि, "निजी कॉलेजों में फीस तय करना का हक अभी तक विश्वविद्यालयों के पास है, जिसके के कारण फीस में अंतर देखने को मिल रहा है." स्वास्थ्य सचिव वैभव गलरिया ने कहा, "सरकार ने एक मसौदा तैयार किया है, इसके तहत चाहे सभी निजी कॉलेज, निजी विश्वविद्यालयों या राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के जरिये चलाये जा रहे हैं, उन सभी में फीस का एक समान ढांचा होना चाहिए. इसके लिए हमने हाई कोर्ट के एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व में कमेटी बनाई है, जो सभी मेडिकल कॉलेजों की फीस तय करेगी."
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, "निजी मेडिकल कॉलेज की फीस में काफी अंतर होने के कारण एकरूपता लाने के लिए, यह विधेयक तैयार किया गया है." उन्होंने कहा कि, "कानूनी और वित्तीय जांच के बाद इस विधेयक को सदन में पेश किया जाएगा."
कमेटी के एक मेंबर ने कहा समिति फीस स्ट्रक्चर के तार्किक और व्यावहारिक आधार पर अध्ययन करेगी
स्वास्थ्य विभाग के जरिये गठित समिति के सदस्य एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि, "समिति दूसरे राज्यों के विभिन्न निजी कॉलेजों की फीस स्ट्रक्चर का अध्ययन करेगी." उन्होंने कहा कि, "इसकी जरुरत इसलिए पड़ी क्योंकि कुछ लोगों को लगा कि, यह निजी विश्वविद्यालय अधिक फीस ले रहे हैं, जिसका गठित समिति तार्किक और व्यावहारिक आधार पर अध्ययन करेगी."
हिन्दुतान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, राज्य में छह निजी विश्वविद्यालय ऐसे हैं जो मेडिकल कोर्स का संचालन करते हैं.
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