Rajasthan News in Hindi: राजस्थान में कोरोना महामारी (Covid-19) में अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर अनुकम्पात्मक नियुक्ति दी जाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने इसके लिए विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन के प्रस्ताव को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है. कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के अनुसार अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर पे मैट्रिक्स एल-9 में नियुक्ति दी जाएगी.राजस्थान सरकार के इस फैसले को बड़ा संवेदनशील फैसला माना जा रहा है. मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना-2021 के तहत उन बच्चों को नौकरी दी जाएगी जिनके माता-पिता या दत्तक माता-पिता की मौत 31 मार्च 2023 से पहले कोरोन के कारण हुई है.

  


क्या कहता है सरकार का प्रस्ताव


सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक वे अनाथ बालक/बालिका नियुक्ति प्राप्त कर सकेंगे, जिनके जैविक अथवा दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च, 2023 अथवा इससे पहले हो चुकी है. प्रस्ताव के अनुसार साथ ही, ऐसे अनाथ बालक/बालिका जिसके माता या पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में हो चुकी हो और दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण 31 मार्च 2023 या उससे पूर्व हुई हो एवं अनाथ होने के समय जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक न हो, को भी नियुक्ति दी जा सकेगी. प्रस्ताव में अनाथ के माता-पिता की मृत्यु की अंतिम तारीख मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना-2021 में प्रावधित 15 अक्टूबर, 2022 को आगे बढ़ाते हुए 31 मार्च, 2023 की गई है. 


सरकार ने अंतिम तारीख में किया संशोधन


इस प्रस्ताव में अनाथ के माता-पिता की मृत्यु की अंतिम तारीख मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना-2021 में प्रावधित 15 अक्टूबर, 2022 से विस्तारित करते हुए 31 मार्च, 2023 की गई है. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बजट वर्ष 2023-24 में कोरोना के कारण अनाथ हुए बालक-बालिकाओं को वयस्क होने पर सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी. 


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