Rajasthan: सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर पर भजनलाल सरकार मेहरबान, 7 हजार फॉलोवर्स वालों को हर महीने मिलेंगे इतने रुपये
Rajasthan Influencers Policy: जिला सूचना और जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी इनफ्लुएंसर्स के काम को देखेंगे. विभाग इनफ्लुएंसर्स को कंटेट क्रिएशन, वीडियो-ऑडियो एडिटिंग आदि स्किल सीखने में मदद करेगा.
Rajasthan News: राजस्थान में अब इन्फ्लुएंसर्स सोशल मीडिया के माध्यम से सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की भर्ती करने का फैसला किया है. इसके लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग ने 'सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर न्यू ब्रॉडकास्टर पॉलिसी' जारी की है. इस नीति के तहत सेलेक्टेड इंफ्लुएंसर्स को हर महीने 25 हजार रुपये दिए जाएंगे.
सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी इस नीति में इंफ्लुएंसर्स के लिए दो श्रणियां बनाई गई हैं. श्रेणी ए में एक लाख से अधिक सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स वाले इनफ्लुएंसर्स आएंगे. जबकि, श्रेणी बी में कम से कम 7 हजार से 1 लाख तक सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स वाले इनफ्लुएंसर्स को रखा गया है. जिला स्तर पर हर श्रेणी में एक-एक इनफ्लुएंसर्स और संभाग स्तर पर श्रेणी ए में दो और बी में एक इनफ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा.
कौन करेगा इनफ्लुएंसर्स के काम की निगरानी?
जिला सूचना और जनसंपर्क कार्यालय के प्रभारी इन इनफ्लुएंसर्स के काम की निगरानी करेंगे. विभाग इन इनफ्लुएंसर्स को कंटेट क्रिएशन, वीडियो-ऑडियो एडिटिंग, एसईओ, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और ब्रांडिंग आदि स्किल प्राप्त करने में मदद भी करेगा. इनफ्लुएंसर्स फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से अपने कम से कम दो सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और फैसलों से संबंधित एक पोस्ट प्रतिदिन अपलोड करेंगे.
हर रोज करना होगा पोस्ट
इसके साथ ही सरकार के विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल्स की पोस्ट को प्रतिदिन शेयर और री-पोस्ट कर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे. उल्लेखनीय है कि परिवर्तित बजट साल 2024-25 में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में जोड़ने के लिए कौशल आधारित नव प्रसारक नीति लाने की घोषणा की गई थी.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सोमवार को राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत हस्ताक्षरित हुए एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि वाले एमओयू को समयबद्ध रूप से धरातल पर उतारने के लिए समीक्षा बैठक की. वे कृषि, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग और वाणिज्य, चिकित्सा और स्वास्थ्य, खनन, पर्यटन और नगरीय विकास और आवासन विभाग के 124 एमओयू के क्रियान्वयन के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की.