Kota Coaching Students Suicide: कोटा में कोचिंग छात्रों की आत्महत्या का मामला विधानसभा में भी गूंजा. कोटा ही नहीं पूरे राजस्थान में कोटा में कोचिंग स्टूडेंट को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. बारां-अटरू विधायक पानाचन्द मेघवाल (Panachand Meghwal) ने विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जरीए कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या के लगातार सामने आ रहे प्रकरणों का मामला उठाया. विधायक पानाचन्द मेघवाल ने विद्यार्थियों की काउन्सलिंग और उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाये जाने की मांग की.


कोटा संभाग में 53 प्रकरण में से 52 कोटा के


पानाचन्द मेघवाल ने कहा कि कोटा संभाग में विगत 4 वर्षों में 2019 से 2022 तक स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग सेन्टर के विद्यार्थियों की आत्महत्या के 53 प्रकरण दर्ज हुए हैं, इनमें से 52 प्रकरण कोटा शहर की कोचिंगों के विद्यार्थियों के ही हैं. वर्ष 2019 से 2022 तक बारां में एक स्कूली छात्रा द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया. कोटा शहर में कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या के प्रमुख कारण कोचिंग छात्रों के पढ़ाई में पिछड़ जाने के कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी होना, माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वकांक्षा होना, छात्रों में शारीरिक/मानसिक एवं पढ़ाई सम्बन्धी तनाव उत्पन्न होना, आर्थिक तंगी/ब्लैकमेलिंग/प्रेम प्रसंग आदि कारण हैं.


कोचिंग संस्थानों के लिए बिल लाया जाना प्रस्तावित


स्कूल शिक्षा ग्रुप 5 विभाग द्वारा कोटा शहर एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोटा सहित प्रदेशभर में संचालित कोचिंग सेन्टरों में अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्रमश: 13 जून 2018 एवं 11 नवम्बर 2022 को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. सरकार द्वारा बताया गया है कि कोचिंग संस्थाओं पर नियत्रंण के लिए कानून बनाने के लिए योजना प्रकियाधीन है. विधायक पानाचंद मेघवाल ने बयान जारी कर कहा कि देश के कोने-कोने से विद्यार्थी अपना भविष्य बनाने के लिए कोटा आते हैं लेकिन जब ये विधार्थी आत्महत्या जैसा हृदय विदारक कदम उठाते हैं तो ये समाज और सरकार के लिए चिंता की बात है. उन्होंने कहा कि कोचिंग विद्यार्थियों की सुरक्षा और काउंसलिंग के उचित प्रबंध किये जाने आवश्यक हैं.


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