Temple of Death IN India: राजस्थान के विख्यात खाटू श्याम मंदिर में 8 अगस्त की सुबह हुई भगदड़ में तीन महिला श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई. मंदिरों में मौत का यह पहला मामला नहीं था. इससे पहले भी देशभर के विभिन्न राज्यों और शहरों में इस तरह की घटनाओं में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इन बड़ी घटनाओं के बावजूद देश की सरकारों ने सबक नहीं लिया. व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने से मौत का सिलसिला जारी है. 


महाशिवरात्रि और सावन में शिवालयों, जन्माष्टमी पर कृष्ण मंदिरों और नवरात्रि में दुर्गा पांडालों और देवी के मंदिरों में हजारों-लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यही भीड़ अव्यवस्थाओं के कारण हादसों में तब्दील हो जाती है. देखते ही देखते खुशियों वाली जगहों पर मातम पसर जाता है. जहां कुछ देर पहले जयकारे लग रहे थे, वहां चीख-पुकार सुनाई देने लगती है. 


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जानें कब-कहां मची भगदड़



  • 4 नवंबर 2006 को उड़ीसा के पुरी जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के दौरान भगदड़ मचने से चार लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए थे.

  • 3 अगस्त 2008 को हिमालच प्रदेश के नैना देवी मंदिर में मची भगदड़ में 160 श्रद्धालु मारे गए और 400 से ज्यादा घायल हुए.

  • हिमाचल के देवी मंदिर में हुई इस दर्दनाक घटना के एक महीने बाद ही 30 सितंबर 2008 को नवरात्रि पर्व के दौरान राजस्थान के जोधपुर स्थित चामुंडा देवी मंदिर में भगदड़ होने से 217 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

  • उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में 4 मार्च 2010 को राम-जानकी मंदिर में कृपालु महाराज की पत्नी की पुण्यतिथि के मौके पर कपड़े और खाना बांटे जाने के दौरान भगदड़ मचने से 63 लोगों की मौत हो गई. 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. उस वक्त वहां करीब 10 हजार लोगों की भीड़ थी.

  • 14 जनवरी 2011 को मकर संक्रांति की रात केरल के सबरीमाला मंदिर में मची भगदड़ में 104 से ज्यादा लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए थे.

  • 8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर भगदड़ में 22 लोगों की मौत हो गई थी.

  • 10 फरवरी 2013 को इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर कुंभ मेले में स्नान करने पहुंचे लोगों में भगदड़ से 39 लोगों की मौत हुई थी.

  • 13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले से 60 किलोमीटर दूर रतनगढ़ स्थित मंदिर में नवरात्रि के अंतिम दिन देवी दर्शन के लिए दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं में मची भगदड़ में 115 लोगों की मौत हुई थी.

  • 10 अगस्त 2015 को झारखंड में देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भगदड़ से 11 लोगों की मौत हो गई. 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

  • एक जनवरी 2022 को नए साल की सुबह वैष्णो देवी मंदिर में हुई भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई.


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