Rajasthan News: कोटा में विकसित किए गए विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल ऑक्सीजोन पार्क का राज्यपाल कलराज मिश्र ने भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह पार्क अनुपम और अद्भुत है. यहां प्रकृति के साथ मानव का संतुलन और सौन्दर्यकरण भी ऐसा किया गया है, जो नॉलेज और फ्रीडम का संदेश देने के साथ-साथ प्रकृति के संरक्षण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. 


इस दौरान उन्होंने विकसित किए गए तमाम मॉन्यूमेंट्स, हरियाली जलाशयों को उन्होंने तन्मयता के साथ देखा और प्रत्येक पॉइंट के बारे में अधिकारियों से डिटेल में जानकारी ली. सिटी पार्क के मयूर चौक से राज्यपाल कलराज मिश्र ने पार्क के भ्रमण की शुरुआत की. इससे पूर्व महामहिम के सिटी पार्क पहुंचते ही राजस्थानी अंदाज में लोक कलाकारों ने आकर्षक प्रस्तुतियां देकर स्वागत किया. वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने राज्यपाल की अगवानी की. उसके बाद राज्यपाल ने पार्क के प्रत्येक पॉइंट का भ्रमण किया. पार्क भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.


फूलों और पौधे का उठाया आनंद


राज्यपाल कलराज मिश्र ने नवनिर्मित सिटी पार्क का अवलोकन कर खूबसूरती का आनंद लिया. निर्माण शैली को प्रकृति एवं मानव के बीच संतुलन प्रदर्शित करने वाला बताते हुए देश के प्रमुख स्मारकों में से एक बताया. राज्यपाल मिश्र ने गोल्फ कार्ट से सम्पूर्ण पार्क का भ्रमण कर उसकी खूबसूरती को नजदीक से निहारा. उन्होंने विभिन्न ब्लॉकों में विश्वस्तरीय प्रजातियों के फूलों के पौधों, फव्वारों, सघन वन क्षेत्र, तालाबों, नहर, स्टोनब्रिज, मयूर चौक, फ्लेमिंगो कोर्ट, बोटिंग डक, बॉटलिंग गार्डन, फूड कोर्ट, म्यूजिकल फाउंटेन, ट्रीमैन एव नॉलेज ऑफ फ्रीडम सर्किल का अवलोकन कर ग्लास हाउस में बैठ कर स्वल्पहार लिया. उन्होंने पार्क में पौधा रोपकर हरियाली बढ़ाने का संदेश दिया.


जीवन में ऐसा उद्यान नहीं देखा


राज्यपाल मिश्र ने पार्क का अवलोकन कर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह पार्क अद्भुत है. राज्यपाल ने कहा कि यह बहुत ही अनुपम है, जो भी कोटा में आए, उसे जरूर देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान भर में गिनी-चुनी जगह होगी, जिनमें से यह पार्क एक है. उन्होंने कहा की जीवन में ऐसा उद्यान नहीं देखा. यह उद्यान कोटा ही नहीं, राजस्थान की पहचान है. इसमें प्रकृति व मानव के बीच संतुलन, विद्यार्थियों, युवाओं, बच्चो, बुजुर्गो सभी के लिए विशेषताओं के साथ निर्माण कार्य कराए गए हैं. सौन्दर्यकरण के साथ विश्व स्तरीय विभिन्न प्रजातियों के पुष्प, नहर, विज्ञान का संदेश देते मूमेंट बनाए गए है. उन्होंने कहा कि यहां एक व्यक्ति को चार से पांच घंटे तक घूमने का तथा शांति का अनुभव करने का मौका मिलेगा.


मानव और प्रकृति के बीच के संतुलन


इस पार्क में मानव और प्रकृति के बीच के संतुलन को दर्शाया गया है. चारों तरफ हरियाली और मनोरम दृश्य, तालाब झरने मन को सुकून देने वाले हैं. ट्री मैन की कल्पना मनुष्य और प्रकृति के बीच के तालमेल को दर्शाता है. सिटी पार्क में ट्री मैन प्रतिमा भी बनाई गई है, जिसमें मनुष्य को पेड़ के रूप में भी दशार्या गया है. इसे लेकर राज्यपाल ने कहा कि यह परिकल्पना अपने आप में अद्भुत है. इसका सीधा मतलब यह है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच में गहरा संबंध है और मनुष्य प्रकृति के बिना अधूरा है. राज्यपाल ने कहा कि पार्क में नॉलेज इज फ्रीडम नाम से स्टैच्यू है.


स्टूडेंट डिप्रेशन में है तो इस पार्क में आए


कोटा में आत्महत्या के मामले ज्यादा सामने आते हैं, ऐसे में अगर कोई बच्चा डिप्रेशन में है या उसे तनाव महसूस हो रहा है, तो वह इस पार्क में आकर अपना तनाव दूर कर सकता है. सुकून महसूस कर सकता है. स्टूडेंट यहां अपने ज्ञान को हासिल कर स्वतंत्र रूप से उसका उपयोग कर सकते हैं. यहां हरियाली के साथ-साथ सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करेगी. पार्क के बीचों-बीच गुजरने वाली 1200 मीटर लंबी नहर है. इसी नहर से पेड़ पौधों को पानी दिया जाएगा. पार्क के मिडिल में एक तालाब भी बनवाया गया है. तालाब के अलावा डक पोंड भी अलग से दिया है, जिसकी फेंसिंग कर बतखों को रखा जाएगा. तालाब में 24 घंटे पानी की सप्लाई के लिए यूआईटी ने पानी की टंकी का निर्माण करवाया है. तालाब से 10 मीटर की दूरी पर ही पक्षियों के बैठने के लिए अंडे के आकार का एक पिंजरा बनाया है, जो एक तरफ से खुला है. यह ढांचा 30 डिग्री इंक्लाइन यानी तिरछी स्थिति में बनाया गया है. इसमें पक्षी आसानी से बैठ सकेंगे. पार्क की इस एवियरी में 25 प्रजाति के पक्षी रहेंगे. यहां देसी-विदेशी पक्षी रखे जाएंगे. 


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