Nagaur News: प्यार-मनुहार की मरुधरा पर रिश्ते निभाने की परंपरा अनूठी है. ऐसा ही मामला राजस्थान के नागौर जिले में देखने को मिला. यहां मेड़ता कस्बे में एक रसोइये के बेटे की शादी में पूरा जीआरपी थाना मायरेदार बनकर पहुंचा. थानेदार सहित सभी सिपाहियों ने दूल्हे की मां को चुनरी ओढ़ाकर सवा लाख रुपए का मायरा भरा और उसे भाई की कमी महसूस नहीं होने दी.

निमंत्रण कार्ड देखकर किया फैसला
मेड़ता के जीआरपी थाने में रसोईये का काम करने वाले अस्थाई कार्मिक पवन कुमार शर्मा अपने बेटे हेमंत की शादी का कार्ड देने थानाधिकारी हेमसिंह के पास पहुंचे. बातचीत के दौरान थानाधिकारी को पता लगा कि रसोईये की पत्नी के कोई भाई नहीं है इसलिए मायरे की रस्म नहीं रखी. उन्होंने शादी में आने का निमंत्रण स्वीकार करते हुए पूरे स्टाफ से चर्चा की तो सभी ने मिलकर रसोईये के बेटे की शादी में मायरा भरने का फैसला लिया.

आखातीज पर हुई शादी
लड़के की शादी मंगलवार को आखातीज के दिन होनी थी. इससे पहले सोमवार सुबह जीआरपी थाने का पूरा स्टाफ गाजे-बाजे के साथ नाचते-गाते हुए पवन कुमार के घर पहुंचा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. घर की महिलाओं ने परंपरा के अनुसार सभी सिपाहियों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनको भाई जैसा मान-सम्मान दिया.

दूल्हे की मां हुई भावुक
थानाधिकारी हेमसिंह सहित थाने के सभी सिपाहियों ने रसोइये पवन शर्मा की पत्नी को चुनरी ओढ़ाकर भाई का फर्ज निभाते हुए सवा लाख रुपए का मायरा भरा. यह सब देख पवन की पत्नी भावुक हो गई. उनकी आंखों में खुशी के आंसू से भर आए. जीआरपी थाने ने सवा लाख रुपए का मायरा भरने के साथ ही दूल्हे, दूल्हे की मां, दूल्हे के पिता और सभी परिजनों के लिए कपड़े, फल-फ्रूट और कुछ उपहार भी खुशी-खुशी भेंट किए. जीआरपी थाने की ओर से सामाजिक सरोकार से जुड़ी रस्म निभाने पर हर ओर सराहना हो रही है.


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