Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) जिले में भी सिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जुनदेव (Arjan Dev) का शहीदी पर्व बड़ी ही श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया. 21 मई को गुरुद्वारा सिंह सभा में श्री अखंड पाठ साहब का शुभारंभ हुआ. मंगलवार सुबह पाठ साहब की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार सजाया गया. जिसमें राजेन्द्र सिंह खालसा और दिल्ली से आए जसपाल सिंह द्वारा कीर्तन से सांगत को जोड़ा गया.


कीर्तन दरबार की समाप्ति के बाद गुरु का अटूट लंगर बांटा गया. सभी समाज के लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया. इसके साथ ही गुरुद्वारे के बाहर रोड पर मीठे पानी की छबील लगाई गई. शहर में आज कई जगह मीठे पानी की छबील लगाई गई. गुरुद्वारा सिंह सभा भरतपुर के प्रधान इंद्रपाल सिंह पाले ने बताया है की गुरु अर्जुन देव की शहादत अतुलनीय है. मानवता के सच्चे सेवक, धर्म के रक्षक, शांत और गंभीर स्वभाव के स्वामी गुरु अर्जुन देव अपने युग के सर्वमान्य लोकनायक थे और दिन रात जनता की सेवा में लगे रहते थे.


सिख धर्म में पांचवे गुरु थे अर्जुन देव
उन्होंने बताया कि उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह सम्मान था. सिख धर्म में पांचवे गुरु अर्जुन देव की ही शहीदी हुई. उनको मुगल बादशाह जहांगीर ने अकारण ही शहीद कर दिया. गुरु अर्जुन देव जी को यातनाएं दी गईं. गुरु हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए. गौरतलब है कि साल 1606 में मुगल बादशाह जहांगीर द्वारा गुरु अर्जुनदेव को लाहौर में शहीद किया गया था. 


बता दें गुरु अर्जुन देव 15 अप्रैल साल 1563 को जन्में थे. वो गुरु रामदास और माता बीवी भानी के बेटे थे. उनके पिता गुरु रामदास स्वयं सिखों के चौथे गुरु थे, जबकि उनके नाना गुरु अमरदास सिखों के तीसरे गुरु थे. गुरु अर्जुन देव का बचपन गुरु अमरदास की देखरेख में बीता था.


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