Rajasthan Politics: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election) होने हैं. एक तरफ जहां बीजेपी (BJP) चुनाव जीतकर सत्ता में आने की रणनीति बना रही है तो वहीं कांग्रेस बरसों पुरानी परंपरा को तोड़कर सूबे की सत्ता में दोबारा वापसी का जतन कर रही है. हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों को कांग्रेस (Congress) की जीत आसान नहीं दिख रही. इसके पीछे बड़ी वजह पार्टी में बिखराव और गुटबाजी है. जगजाहिर है कि प्रदेश में कांग्रेस दो खेमों में बंटी है. एक गुट सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का है तो दूसरा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) का.


गहलोत सीएम की कुर्सी पर काबिज रहना चाहते हैं और पायलट इस कुर्सी पर बैठने के लिए बाजी लगा रहे हैं. इसी संघर्ष को जारी रखते हुए पायलट अब प्रदेश के पांच जिलों का व्यापक दौरा करने जा रहे हैं. कांग्रेस के इस सियासी संग्राम पर विपक्षी दल लगातार बयानबाजी कर नेताओं को टारगेट कर रहे हैं.


बजट सत्र से ठीक पहले सचिन पायलट की सियासी यात्रा पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि सीएम बनने के चक्कर में सचिन पायलट ने चार साल तो निकाल दिए. अब बहुत कम समय बचा है. चुनाव नजदीक आ गए हैं. उन्हें कांग्रेस छोड़कर खुद की पार्टी बना लेनी चाहिए और राजस्थान में चुनाव लड़ना चाहिए. अगर वो खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं तो उनका समर्थन करेंगे. हमने तो पहले भी मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें समर्थन दिया था.


चुनाव में कटेगी कईयों की पतंग- बेनीवाल
बेनीवाल ने कहा कि "उपचुनाव और मुख्य चुनाव परिणाम में अंतर होता है. 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे. इस साल कईयों की पतंग कट जाएगी और कईयों की पतंग ऊंची उड़ान भरेगी. कईयों की पतंग तो मैं खुद काटूंगा." उन्होंने दावा किया कि आरएलपी चुनाव के दौरान तीसरे विकल्प के रूप में जनता के सामने होगी. यह एक बड़ी पार्टी हो गई है. इस पार्टी ने बीजेपी-कांग्रेस की नींद उड़ा दी है.


पायलट इन जिलों में करेंगे जनसभा
किसान नेता कहलाने वाले पायलट प्रदेश के विभिन्न जिलों में जनता और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर आमसभा और जनसंपर्क करेंगे. वे 16 जनवरी को नागौर, 17 जनवरी को हनुमानगढ़, 18 जनवरी को झुंझुनूं, 19 जनवरी को पाली और 20 जनवरी को जयपुर जिले का दौरा करेंगे. इन 5 जिलों में 40 से अधिक विधानसभा क्षेत्र हैं. इन कार्यक्रमों को लेकर पायलट गुट के नेता और समर्थक तैयारियों में जुट गए हैं. गौर करने वाली बात है कि यह सभी जिले ऐसे हैं जहां गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत मिला था.


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