Rajasthan Heat Wave: राजस्थान में हीटवेव से अब तक कितनी मौतें? स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए आकंड़े
Rajasthan Heat Wave: डॉक्टर माथुर ने कहा कि मौत के आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा मौत के कारणों की जांच कर जारी किए जाते हैं.
Rajasthan Heat Wave News: राजस्थान में हीटवेव का दौर जारी है. सरकार और विपक्ष व्यवस्थाओं और असुविधाओं पर आमने-सामने हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार आकंड़े जारी कर रहा है. इस बीच जन स्वास्थ्य के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने कहा है कि हीटवेव को लेकर सभी प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव को लेकर मार्च के महीने से ही तैयारियां प्रारंभ कर दी थी, इसके चलते राजस्थान में हीटवेव की प्रबलता के बावजूद स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में होने का दावा है. हीटवेव से मौतों की जो संख्या प्रकाशित या प्रसारित की जा रही हैं, उसको लेकर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि, हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही जारी किए जा रहे हैं. जिसमें सिर्फ पांच मौत की पुष्टि हुई है.
आंकड़े ऐसे होते हैं जारी
डॉक्टर माथुर ने कहा कि मौत के आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा मौत के कारणों की जांच कर जारी किए जाते हैं. उन्होंने कहा है कि डेथ ऑडिट कमेटी हीट स्ट्रोक से संदिग्ध मौतों की जांच भारत सरकार द्वारा निर्धारित पैरामीटर्स के अनुसार करती है.
इन पैरामीटर्स के अनुसार अगर कोई मौत हीट स्ट्रोक से पाई जाती है तो उसे प्रमाणित कर उसकी रिपोर्ट आईएचआईपी पोर्टल पर प्रेषित की जाती है. आईएचआईपी पोर्टल पर जारी आंकडे़ ही प्रमाणिक हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार तेज गर्मी के दौरान गंभीर बीमारियों एवं अन्य कारणों से भी मौतें हो जाती हैं. प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें हीट स्ट्रोक से होना नहीं माना जा सकता.
की जा रही मॉनिटरिंग
डॉ. माथुर ने कहा कि हीटवेव से होने वाली मौतों को लेकर आमजन भयभीत एवं भ्रमित नहीं हों. प्रदेश में अब तक हीटवेव से पांच मौत हुई हैं. इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि हीटवेव से मौतों का होना दुखद है. हमारा प्रयास है कि प्रदेश में हीटवेव से जनहानि नहीं हो पाए. विभाग हीटवेव को लेकर पूरी सतर्कता और सजगता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है और हर स्थिति की मुख्यालय के साथ ही जिला स्तर से भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है.
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