राजस्थान में प्रचंड गर्मी! 50 डिग्री सेल्सियस पर तपा भरतपुर, जानवरों को लू से बचाने का करें ये इंतजाम
Bharatpur Weather Update: गो सेवा आयोग द्वारा एडवाइजरी में बताया गया है कि गोवंश को सूर्य की सीधी किरणों से दूर रखें, गोवंश को धूप और लू से बचाने के लिए हवादार छप्पर या छायादार पेड़ के नीचे रखें.
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Rajasthan Weather Update: राजस्थान में गर्मी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. आसमान से आग बरस रही है. आमजन के साथ पशु-पक्षियों का भी भीषण गर्मी से हाल बेहाल हो रहा है. मंगलवार (28 मई) को भरतपुर में तापमान 49.2 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं इस भीषण गर्मी में अटल बंद थाना क्षेत्र में एक खाली प्लॉट में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है. लोगों का कहना है कि गर्मी की वजह से व्यक्ति की मौत हो गई है. पुलिस ने मृतक के शव को जिला आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है.
भीषण गर्मी और बढ़ते तापमान को देखते हुए राजस्थान गो सेवा आयोग द्वारा गोवंश संरक्षण, संवर्धन और लू से गोवंश को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. गो सेवा आयोग द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार गर्मी से तापघात के बाद गोवंश में यह लक्षण देखने को मिल सकते है. जैसे अगर गोवंश तेज बुखार से पीड़ित हैं, तो उस स्थिति में गोवंश द्वारा मुंह खोलकर जोर-जोर से सांस लेना या हांफ सकते हैं.
इसके अलावा मुंह से लार गिरना, गोवंश की कार्यशीलता कम हो जाना, बेचैनी की स्थिति होना, भूख में कमी आना और पानी अधिक पीना, पेशाब कम होना या बंद हो जाना, धड़कन तेज होना, कभी-कभी अफरे की शिकायत भी होना तापघात के लक्षण होते है. ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर गोवंश को गर्मी से बचाया जाना चाहिए.
गोवंश को गर्मी और हीट स्ट्रोक से कैसे बचाएं?
गो सेवा आयोग द्वारा एडवाइजरी में बताया गया है कि गोवंश को सूर्य की सीधी किरणों से दूर रखें, गोवंश को धूप और लू से बचाने के लिए हवादार छप्पर या छायादार पेड़ के नीचे रखें. जिस घर में गोवंश को बांधते है उस घर को ठंडा रखने के लिए घर की दीवारों के उपर जूट के टाट लटकाकर उस पर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी का छिड़काव करना चाहिए. इससे बाहर से आने वाली हवा में ठंडक बनी रहती है. इसी प्रकार पंखे या कूलर का उपयोग करें.
गोवंश को दिन में कम से कम चार बार स्वच्छ जल उपलब्ध कराना चाहिए और गोवंश को संतुलित आहार के साथ-साथ उचित मात्रा में खनिज मिश्रण भी देना चाहिए. गोवंश को सुबह जल्दी और शाम को देर से भोजन देना चाहिए. आहार में संतुलन के लिए एंजेला घास का प्रयोग किया जा सकता हैं. साथ ही आहार में गेहूं का चोकर और जौ की मात्रा बढ़ा देना चाहिए.
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