Watch: हाई कोर्ट के आदेश के बाद जालौर में मकानों और बाड़ों को हटाने पहुंचा प्रशासन, ग्रामीणों ने जताया विरोध
Jalore Encroachment Removal: जालौर में ओरण भूमि पर स्थित मकान और बाड़ों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई की. ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन समझाने के बाद उन्हें हटा दिया गया.

Jalore Encroachment News: राजस्थान के जालौर जिले के ओड़वाड़ा की चारागाह (ओरण) भूमि पर बने मकानों व बाड़ो को हटाने के लिए प्रशाशन और पुलिस अधिकारी गुरुवार (16 मई) को पहुंचे थे. इस दौरान ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया. वहीं महिलाएं बुलडोजर पुलिस की गाड़ियों के आगे सड़क पर बैठ गईं.
पुलिस व प्रशासन के द्वारा विरोध कर रहे लोगों से समझाइश की गई. मामला ज्यादा गर्म होता देख पुलिस ने मौके पर और जाब्ता बुलाया और महिलाओं व विरोध कर रहे लोगों को हटाया गया. मामला चालू होता है यह बाड़मेर रोड स्थित ओड़वाड़ा गावं में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाड़े हटाने की कार्यवाही की जा रही है.
हाइकोर्ट के आदेश के बाद #जालोर में चारागाह भूमि से 440 मकानों से हटाने प्रशासन और पुलिस पहुंची@ABPNews @ashokgehlot51 @BhajanlalBjp @BJP4India @cpjoshiBJP @gssjodhpur @pravinyadav pic.twitter.com/IagjKdBHIN
— करनपुरी (@abp_karan) May 16, 2024
कल की जाएगी अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई
राजस्थान हाईकोर्ट ने 7 मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे. अतिक्रमण हटाने के लिए आज सुबह 7:00 बजे जिला प्रशासन को पुलिस का जाप्ता ओड़वाड़ा पहुंचा था. प्रशासन की ओर से घरों से सामान निकालने के लिए कल तक का समय दिया गया है. शुक्रवार (17 मई) को फिर से अतिक्रमण ध्वस्त करने की कार्रवाई प्रशासन के द्वारा की जाएगी.
कई महिलाएं रोती हुई आई नजर
पुलिस व प्रशासन के द्वारा कार्रवाई करते हुए. मौके पर जेसीबी के जरिए मकान की बाउंड्री तोड़ी गई है. कुछ घरों के बिजली कनेक्शन की काटे गए. कई जगह घरों की बाउंड्री की गई थी. उनको भी तोड़ा जा रहा है. कार्रवाई के दौरान कई महिलाएं रोती हुई नजर आई, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश की पालना के चलते पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई को जारी रखा है.
440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए
ओड़वाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित का कहना है. करीब 3 साल पहले गांव में रहने वाले मुकेश पुत्र मूल सिंह राजपुरोहित और महेंद्र सिंह पुत्र बाबू सिंह राजपूत के बीच जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था. दोनों भाइयों का विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया जमीन का नाप हुआ तो करीब 440 मकान चारागाह भूमि में पाए गए, 2022 और 2023 में कुछ कच्चे अतिक्रमण हटा दिए गए थे, कोर्ट के आदेश पर अभी 150 से अधिक कच्चे मकान और करीब 160 बड़े हटाने को लेकर गांव में मकान को चिन्हित करना विशाल लगाया गए थे.
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