Rajasthan High Court News: राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता ने आज याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. पीलवा सरकारी स्कूल को हिंदी माध्यम से अंग्रेजी माध्यम किए जाने के राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ लगाई गई स्कूल प्रबंध समिति के सदस्यों की याचिका पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने आदेश पर रोक लगाई दी है, जिससे राजस्थान सरकार की महत्वपूर्ण योजना हर ब्लॉक में हो अंग्रेजी माध्यम स्कूल को बड़ा झटका लगता नजर आ रहा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि किसी राज्य सरकार को अधिकार नहीं है कि वह माध्यम में परिवर्तन कर सके. आज हाईकोर्ट से याचिकाकर्ता को राहत मिली है. साथ ही पीलवा सरकारी स्कूल के माध्यम को बदलने पर भी रोक लगा दी गई है.
कोर्ट ने आदेश में कहा
राज्य सरकार किसी भी विद्यालय के भाषा माध्यम में परिवर्तन करने के लिए यदि विधानसभा में कोई कानून बनाती है या घोषणा करती है तो उसके लिए उस कानून पर राष्ट्रपति की सहमति लेना जरूरी है. शिक्षा के अधिकार के कानून की धारा 19 में 14 वर्ष तक के बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देना अनिवार्य किया गया है. देश में सरकारी विद्यालयों में केंद्र सरकार के द्वारा बनी नीतियों में राज्य सरकार बदलाव नहीं कर सकती है. बच्चों पर अंग्रेजी मध्यम कानून बनाकर भी नहीं थोपा जा सकता. किसी भी स्कूल में शिक्षा के संबंधित कोई भी बदलाव स्कूल प्रबंधक एसडीएमसी सदस्य समिति की सहमति के बाद ही बदलाव किया जा सकता है.
हालांकि हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कई सारे तर्क रखे. फिलहाल हाईकोर्ट ने पीलवा सरकारी स्कूल के माध्यम बदलने पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार की नीति को भी गलत माना है. कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता खुद अंग्रेजी माध्यम का स्वागत कर रहे हैं तो वह अपने विद्यालय के माध्यम बदलना चाहते हैं तो एसडीएमसी की बैठक में कर निर्णय ले सकते हैं, जिसके बाद में चाहे तो स्कूल प्रबंधन की सहमति के बाद माध्यम बदल सकते हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से पॉलिसी का विरोध नहीं किया गया. याचिकाकर्ता की ओर से पीलवा सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय लोहावट के माध्यम बदलने का विरोध किया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने राहत देते हुए फिलहाल रोक लगा दी है. हालांकि इस आर्डर के बाद कई दूसरी स्कूल भी माध्यम बदलाव को लेकर विरोध कर सकती हैं. माध्यम के बदलाव के विरोध में फिलहाल यह आदेश पीलवा सरकारी स्कूल के लिए है.
यह थी गहलोत सरकार की योजना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा के दौरान राजस्थान में अंग्रेजी माध्यम की स्कूल खोलने की घोषणा की थी. साथ ही वर्ष 2019-20 में प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम के सरकारी विद्यालय खोलने की घोषणा की गई है. 2020-2021 के बजट में गांव में अंग्रेजी माध्यम की स्कूल शुरू करने की घोषणा की गई थी. 20 21-22 के बजट में 5.000 से अधिक की आबादी में अंग्रेजी माध्यम की विद्यालय खोलने की घोषणा की गई थी. प्रदेश में करीब 1,200 हिंदी मीडियम की स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में तब्दील कर दिया गया था.
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