Rajasthan High Court: राजस्थान हाई कोर्ट परिसर में बिना फूड लाइसेंस के कैंटीनों का संचालन हो रहा है. यह मामला तब सामने आया जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के दल ने छापा मारा. दरअसल, यह छापेमारी राजस्थान बार काउंसिल के अध्यक्ष भुवनेश शर्मा के लिखित सूचना पर की गई है.
अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि ई-ब्लॉक स्थित मेसर्स गिरधर गोपाल एंटरप्राइजेज के रसोई घर में भारी मात्रा में गंदगी पाई गई है. जैसे फ्रिज में फंगस लगी हुई पाई गई और मसाले के पैकेट एक्सपायरी डेट के पाए गए.
हाइजीन की स्थिति बेहद खराब पाई गई
इसके अलावा, जंग लगे हुए डिब्बे भी पाए गए, जिनमें मसाला और अन्य सामग्री रखी हुई थी. हाइजीन और सैनिटेशन की स्थिति ठीक नहीं पाई गई. फूड कलर के डिब्बे पाए गए जो खाद्य सामग्री में डाले जाते थे. उन्हें वहीं पर डिस्पोज करवाया गया.
वहीं, दुकान नंबर 15, दुकान नंबर 12 और दुकान नंबर 9, सरस डेयरी बूथ नंबर 181 तथा दुकान नंबर 21, 19, 17 एवं 8 का निरीक्षण हुआ. किसी के पास भी फूड लाइसेंस नहीं पाया गया.
खराब सामान से बन रही खाद्य सामग्री
इस दौरान वहां पर सड़े आलू-प्याज, कृत्रिम रंग, सड़े हुए खाद्य पदार्थ, गंदे पात्र, काली फर्श और दीवारें, गंदे स्टोव, पुरानी नमकीन, एक्सपायरी चॉकलेट सिरप, गोभी और गंदे पात्रों में बनती चाय मिली है. घरेलू गैस के सिलेंडर डीएसओ के माध्यम से जब्त करवाए गए.
हाई कोर्ट परिसर में सभी दुकानदारों और फ़ूड ऑपरेटर्स को लाइसेंस बनने तक सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है. मुख्य रूप से दो कैंटीन से जांच हेतु कड़ाही का तेल, सांभर, लस्सी, चने की दाल, चटनी, बेसन और रिफाइंड सोयाबीन तेल के नमूने जांच के लिए गए हैं. जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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