Rajasthan News: भारतीय किसान संघ की याचिका पर 10 फरवरी को हुई सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की है. बार बार समय देने के बावजूद सरकार की ओर से जवाब पेश नहीं किया जा रहा है. न्यायाधीश संदीप मेहता और रेखा बोराणा की बेंच ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को 28 मार्च तक जवाब पेश करने का आखिरी मौका दिया है.
भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया कि एपीएमसी एक्ट में प्रावधान के बावजूद प्रदेश की अधिकतर मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे फसलों की नीलामी बोली लगती है. इससे किसानों को फसलों का लागत के बराबर भी मूल्य नहीं मिल पाता है.
हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का दिया अंतिम मौका
ऐसे में संगठन ने जनवरी 2021 में याचिका दाखिल की थी. याचिका में सरकार को एपीएमसी एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करवाने का पाबंद करवाने की मांग की गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में जवाब पेश करने के लिए अलग अलग तारीख को 10 मौके दिए. इसके बावजूद सरकार की तरफ से कोई जवाब पेश नहीं किया गया. भारतीय किसान संघ की मांग में राजस्थान कृषि उत्पाद विपणन एक्ट 1961 के प्रावधान अनुसार मंडियों में फसलों की नीलामी बोली समर्थन मूल्य से शुरू करने और 2017 में आंदोलन के दौरान सरकार की ओर से कानून बनाने के वादे की पालना करवाना है. गौरतलब है कि समर्थन मूल्य से नीचे फसल खरीद को प्रतिबंधित करने की मांग सरकार से भारतीय किसान संघ करता आया है. एपीएमसी एक्ट के प्रावधान को लागू करवाने से संबंधित याचिका है.
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