Rajasthan High Court on Asaram Case: राजस्थान की जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आसाराम ने हाई कोर्ट में आयुर्वेदिक उपचार के लिए याचिका दायर की थी. आसाराम की याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने आवश्यक निर्देश दिये. इससे लंबे समय से जेल में बंद आसाराम को खुद के स्वास्थ्य के लिए इलाज का रास्ता साफ हो गया. 


बात दें कि आसाराम के पुत्र नारायण साईं की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां उन्होंने आसाराम के आयुर्वेदिक उपचार का अनुरोध किया था. राजस्थान हाई कोर्ट में मामले की सुनावाई के दौरान जस्टिस मदन गोपाल व्यास की कोर्ट में याचिका कर्ता के वकील ने बताया कि जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम की उम्र 85 वर्ष के आसपास हो गई है. वह कई बीमारियों से पीड़ित है. जिसका इलाज आयुर्वेदिका माध्यमों से ही संभव है.


हाई कोर्ट ने सरकारी वकील ने दी ये दलील


सरकार की ओर पेश हुए पक्ष रखते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि आसाराम का समय-समय पर चेकअप किया जाता है. वृद्धावस्था के चलते छोटी-मोटी बीमारियां हैं, जिनका उपचार एलोपैथिक पद्धति से किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ने पर जेल से बाहर उच्च स्तरीय इलाज भी करवाया जाता है. हाई कोर्ट की बेंच के सामने अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने सेंट्रल जेल के चिकित्सक की रिपोर्ट पेश की, जिसे जेल अधीक्षक द्वारा भेजा गया था. रिपोर्ट में बताया गया कि आसाराम का इलाज बेहतरीन सही ढंग से किया जा रहा है. आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता होने पर वो भी करवाया जाएगा.


कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?


जेल अधीक्षक को आसाराम के इलाज के लिए आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति का सहयोग लेने और सभी आपत्तियों पर जेल प्रशासन के सहयोग को देखते हुए, न्यायाधीश ने आयुर्वेदिक इलाज के लिए निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आसाराम को आयुर्वेदिक चिकित्सा जांच की आवश्यकता होने पर सेंट्रल जेल के चिकित्सक और जेल अधीक्षक विचार करेंगे और उचित लगने पर उसे जेल में ही चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी. जेल अधीक्षक इसके लिए जोधपुर के डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति से आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आग्रह करेंगे और उपचार करवाएंगे.


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