Rajasthan News: राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर जोधपुर (Jodhpur) अपनेपन के लिए जाना जाता है. यहां की अपनेपन की मिसाल के चर्चे देश दुनिया में होते हैं. आमतौर पर किसी सेलिब्रिटी या राजनेता की शादी के चर्चे होते हैं, लेकिन आज हम एक समाज को संदेश देने वाली शादी के बारे में बता रहे हैं. यह शादी जोधपुर की एक इंदु नाम की लड़की की है, जिसके जीवन के सफर की शुरुआत अनाथालय के पालना गृह से हुई. समाज कल्याण विभाग की ओर से जोधपुर में इंदु की शादी का आयोजन किया गया. इसमें भामाशाहों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया इस शादी में जोधपुर शहर के नामी राजनेता सहित हाई कोर्ट के न्यायाधीश तक दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद देने पहुंचे.


इंदु ने एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए बताया कि उसने कभी नहीं सोचा था कि उसका विवाह होगा और वह भी इस तरह धूमधाम से होगी. अब मेरी विदाई हो रही है और मुझे बहुत खुशी है कि मेरे इतने अपने लोग हैं. इंदु की आवाज बहुत अच्छी है और वह सिंगर बनना चाहती है. इंदु ने अपनी सुरीली आवाज से गाना भी गाकर बताया और कहा कि यह शादी समाज के लिए एक मिसाल बननी चाहिए. ऐसी और भी कई बहनें हैं, जो अनाथालय के पालना गृह में हैं. उनकी भी शादी इसी तरह से भामाशाहों के सहयोग से की जाए.


इंटरव्यू के बाद सिलेक्ट हुआ दूल्हा
समाज कल्याण विभाग के निदेशक अनिल जोशी ने बताया कि इंदु पालना गृह में आई थी और जब बालिग हुई तो उसे नारी निकेतन में भेजा गया. हमारे यहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहयोग के बाद बालिग होने वाली बच्चियों का विवाह करवाने के लिए कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी में बाकायदा विवाह के लिए आवेदन मांगे गए. कई लोगों के इंटरव्यू हुए, आखिरकार इंदु का दूल्हा सिलेक्ट हो गया. इंदु का कन्यादान करने के लिए जोधपुर शहर के जाने-माने भामाशाह पप्पूराम डारा उनकी पत्नी ने इंदु को गोद लेकर विवाह की रस्म को पूरा किया.


अतिरिक्त जिला कलेक्टर के जिम्मे थी शादी
भामाशाह पप्पूराम डारा ने बताया कि मेरी एक बेटी और बेटा है. दोनों की शादी हो चुकी है. मेरे सामने यह प्रस्ताव आया कि इंदु का कन्यादान करना है. मुझे बहुत खुशी हुई, मैंने तय किया कि इंदु को मैं गोद लेकर अपनी बेटी बनकर इसका विवाह करूंगा. इंदु का विवाह आज संपन्न हुआ. जोधपुर जिला कलेक्टर के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई उसे कमेटी के अध्यक्ष अतिरिक्त जिला कलेक्टर एमएल नेहरा के कंधों पर जिम्मेदारी थी कि इंदु के लिए एक अच्छा दूल्हा तलाश करें. 


इस शर्त पर हुई शादी
इसके बाद शादी के लिए आवेदन मांगे और इंटरव्यू भी हुए. इसमें सात युवकों ने आवेदन किया था, जिसमें मगाराम को पसंद किया गया, क्योंकि इंदु ने शादी के बाद आगे पढ़ाई की बात रखी जो मगाराम ने मानी फिर जाकर दूल्हा सिलेक्ट हुआ. उसके बाद कन्यादान के लिए माता-पिता की तलाश शुरू हुई. भामाशाह पप्पूराम डारा ने अपने कंधों पर इस शादी की जिम्मेदारी ली आज पिता बनकर उन्होंने पूरी जिम्मेदारी निभाई.



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