Rajasthan News: राजस्थान रोडवेज के एक मामले की सुनवाई के दौरान कुछ दिन पहले रोडवेज के प्रबंध निदेशक आईएएस अफसर को कोर्ट से सीधे जेल भेजने की चेतावनी देने वाली राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन वर्तमान और पूर्व आईएएस अफसरों की सैलेरी और पेंशन रोकने के आदेश जारी किए हैं.
इन तीन आईएएस अधिकारियों में से एक हेमंत गेरा अभी राजस्व मंडल के अध्यक्ष हैं, जबकि तारा चंद मीणा और राजेंद्र शंकर भट्ट नाम के दो अफसर सेवानिवृत्त हो चुके हैं. राजस्थान हाई कोर्ट के जज दिनेश मेहता की कोर्ट ने ये आदेश बुधवार (12 मार्च) को जारी करते हुए मामले में अगली सुनवाई पर राज्य के कार्मिक सचिव की कोर्ट में तलब किया है. मामले की सुनवाई 25 मार्च को होगी. राजस्थान हाईकोर्ट में आज एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हेमंत गेरा की सैलरी और राजेंद्र शंकर भट्ट और तारा चंद मीणा की पेंशन रोकने के आदेश दिए.
9 कर्मचारियों से जुड़ा है मामला
दरअसल, ये मामला उदयपुर के कुल नौ कर्मचारियों से जुड़ा है. ये सभी कर्मचारी उदयपुर के जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त कार्यालय में कार्यरत थे. इन सभी नौ कर्मचारियों को साल 1987 में राजकीय सेवा में स्थायी मानकर सरकार में पहले और दूसरे चयनित वेतनमान का लाभ दिया लेकिन तीसरे वेतनमान से इन सभी को वंचित रखा गया था. इसके खिलाफ सभी कर्मचारी कोर्ट में गए थे.
दायर की अवमानना याचिका
हाईकोर्ट ने इनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 23 सितंबर 2021 को याचिका स्वीकार करते हुए 27 वर्ष पर देय तृतीय चयनित वेतनमान की गणना 12 अगस्त 2014 से करने का आदेश दिया. कोर्ट ने तीन महीने के अंदर सभी फायदा और 31 मार्च 2022 तक एरियर का भुगतान करने के निर्देश दिए. लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी कोर्ट आदेशों की पालना नहीं की गई. इस पर सभी नौ कर्मचारियों ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की.
सरकार के वकील ने दी ये दलील
याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से वकील ने दलील दी कि मामले में स्पेशल अपील लंबित है. लेकिन याचिकाकर्ताओं के वकील यशपाल खिलेरी ने कोर्ट को बताया कि स्पेशल अपील अगस्त साल 2023 में खारिज की जा चुकी है और कोर्ट का कोई स्थगन आदेश भी नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने उदयपुर के तत्कालीन कलेक्टर ताराचंद मीणा तत्कालीन संभागीय आयुक्त राजेन्द्र शंकर भट्ट और तत्कालीन कार्मिक सचिव हेमंत गेरा के खिलाफ सेलरी और पेंशन रोकने के आदेश दिए.
तारा चंद मीणा ने लिया वीआरएस
तारा चंद मीणा ने चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस लिया था जबकि राजेन्द्र शंकर भट्ट अगस्त 2024 में रिटायर हो चुके हैं. कोर्ट ने इन नौ कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय करीब साढ़े तीन साल पहले सुनाया था और तब इनको तीसरे वेतनमान का लाभ और इनकी बकाया राशि चुकाने के आदेश सरकार को दिए थे लेकिन सरकार ने इन्हें कोई लाभ और बकाया राशि नहीं दी.
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