Rajasthan News: अशोक गहलोत सरकार की फ्री स्मार्टफोन योजना को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के दूसरे चरण में स्मार्टफोन के बजाय 'स्मार्टफोन गारंटी कार्ड' जारी करने की वैधता पर जवाब मांगा है.
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई और योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ ने 2,500 करोड़ रुपये के बजट पर लगभग एक करोड़ चिरंजीवी कार्ड धारक परिवारों की महिला प्रमुखों को 'इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन गारंटी कार्ड' वितरित करने के योजना विभाग के 'आदेश' की वैधता और औचित्य को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किया.
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
अदालत ने योजना के दूसरे चरण में स्मार्टफोन के बजाय गारंटी कार्ड जारी करने की तर्कसंगतता, आनुपातिकता और वैधता पर राज्य सरकार से पांच अक्टूबर तक जवाब मांगा है. मुदित नागपाल द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 'आदेश' में घोषणा की गई थी कि इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के दूसरे चरण में महिलाओं को गारंटी कार्ड दिखाने पर मुफ्त में स्मार्टफोन मिलेंगे. योजना के पहले चरण में 40 लाख स्मार्टफोन वितरित किए गए थे. नागपाल ने अपनी याचिका में अनुरोध किया था कि 21 अगस्त को जारी 'आदेश' को अवैध घोषित करते हुए रद्द किया जाए.
बीजेपी बोली- सरकारी पैसे का दुरुपयोग
वहीं गहलोत सरकार की इस फ्री स्मार्टफोन योजना पर विपक्षी दल बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि गहलोत सरकार इस योजना के जरिए सिर्फ मतदाताओं को लुभाने का काम कर रही है. उन्होंने दावा किया कि सरकार जो स्मार्टफोन दे रही है वो पुरानी तकनीक हैं. राठौड़ ने ये भी कहा कि सरकार सिर्फ सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रही है.
कीमत पर उठाए सवाल
सीकर में राजेंद्र राठौड़ ने स्मार्टफोन योजना में दिए जाने वाले स्मार्टफोन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बाजार में इन स्मार्टफोन्स की कीमत 1600 से 1800 तक है जबकि सरकार इसके लिए करीब 6600 रुपये तक खर्च कर रही है.
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