Rajasthan: जैसलमेर के सोनार किले में कॉमर्शियल एक्टिविटी पर हाई कोर्ट सख्त, केंद्र-राज्य सरकार से मांंगा जवाब
Rajasthan High Court News: राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने कोर्ट को बताया कि पानी के रिसाव से पत्थर की संरचना में दरारे आ रही हैं.
Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) हाईकोर्ट (High Court) की डबल बेंच ने जैसलमेर (Jaisalmer) के सोनार किले (Sonar Fort) में चल रही कमर्शियल एक्टिविटी होटल और गेस्ट हाउस को तत्काल बंद करने की याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश प्रवीण भटनागर की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सुनील पालीवाल की ओर से पहले से दायर जनहित याचिका में एक प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई.
याचिकाकर्ता सुनील पालीवाल की और से पक्ष रखते हुए एडवोकेट मानस रणछोड़ खत्री ने कहा कि जैसलमेर के सोनार किले को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला हुआ है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने विश्व विरासत समिति के सामने सोनार किले के लिए एक साइड प्रबंधन योजना पेश की थी. इस योजना में कई चिंताएं जताई गई हैं, जिनमें मौजूदा प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता, पानी का रिसाव, अवैध होटल और रेस्तरां के संचालन के कारण किले की दीवारों को भारी नुकसान पहुंच रहा हैं. इसकी छवि को प्रभावित करने वाली बिजली की लाइनें और द गार्बेज सहित अन्य मुख्य मुद्दे हैं.
संरचना में दरारे आ रही हैं
राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने कोर्ट को बताया कि पानी के रिसाव से पत्थर की संरचना में दरारे आ रही हैं. इतना ही नहीं यहां लोगों द्वारा कटाव और अवैध निर्माण भी किए जा रहे हैं. अन्य कामों के कारण सोनार किले का अस्तित्व खतरे की जद में है. साथ ही याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि अगर इस मामले में तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो पुराने स्मारक तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.
इसके अलावा रिपोर्ट में किले के भीतर ट्रैफिक कंट्रोल पर जोर दिया गया है. एप्लीकेशन में किले के अंदर चल रहे रेस्टोरेंट, पर्यटकों के ठहरने की सुविधा, गेस्ट हाउस और होटल सहित कमर्शियल एक्टिविटी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है.