Jaipur News: CM गहलोत के बेटे वैभव के लिए कल का दिन रहेगा बेहद खास, हाई कोर्ट सुनाएगा इस मामले पर फैसला
चुनाव अधिकारी रिटायर्ड IAS रामलुभाया के पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान क्रिकेट चुनाव पर रोक लगी हुई है. इस मामले पर हाईकोर्ट 22 नवंबर को फैसला करेगा.
Rajasthan News: राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनाव पर रोक लगी है. इसमें पेंच तब फंस गया जब चुनाव अधिकारी बनाए गए रिटायर्ड IAS रामलुभाया ने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से राज्य में इसे चुनाव कराए जाने के लिए माहौल गर्म है. दरअसल, अभी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चेयरमैन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत (vaibhav gehlot) हैं. 4 दिन पहले इस पर हाईकोर्ट का फैसला करना था, लेकिन हो नहीं पाया था. हाईकोर्ट 22 नवंबर को फैसला करेगा. वहीं ग्रेटर नगर निगम जयपुर की मेयर सौम्या गुर्जर (saumya gurjar) को सरकार की तरफ से अपना पक्ष रखने का समय मात्र 7 दिनों का मिला है. जिसमें सौम्या एक महीने का समय मांग रहीं थी, लेकिन उन्हें नहीं मिला. 25 नवबंर उनके लिए ख़ास दिन रहेगा.
चुनाव अधिकारी की नियुक्ति पर बवाल
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) के चुनाव के लिए हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वैभव गुट की ओर से सुनील अरोड़ा को चुनाव अधिकारी नियुक्त करने की बात कही थी. कोर्ट ने ऑन रिकॉर्ड दस्तावेज मांगते हुए सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तारीख तय की थी. चुनाव के लिए अधिकारी रिटायर्ड IAS रामलुभाया को बनाया गया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया. जिसको लेकर जिला क्रिकेट संघों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं अब सुनील अरोड़ा की नियुक्ति को लेकर नांदू गुट भी संतुष्ट है. नागौर जिला क्रिकेट संघ के सचिव राजेंद्र सिंह नांदू ने कहा कि सुनील अरोड़ा की नियुक्ति को लेकर हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आरोप है कि वैभव गुट ने गलत तरीके से कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर उन्हें नियुक्त किया है. जो पूरी तरह गलत है. इनका कहना है कि हाईकोर्ट सुनील अरोड़ा को चुनाव अधिकारी नियुक्त करता है तो कोई आपत्ति नहीं है, इसलिए वैभव गहलोत के लिए 22 नवंबर का दिन अहम माना जा रहा है.
सौम्या की 'कुर्सी' सुरक्षित नहीं
12 नवंबर को तीसरी बार ग्रेटर नगर निगम जयपुर की मेयर बनने वाली सौम्या गुर्जर की अभी भी कुर्सी सुरक्षित नहीं मानी जा रही है. उन्हें अपने पक्ष में बात रखने के लिए मात्र सात दिन का समय मिला है. स्वायत्त शासन विभाग अब राहत देने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा है. 10 नवंबर को सरकार ने सौम्या गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 7 दिन में जवाब मांगा गया था. इसके जवाब में सौम्या ने 16 नवंबर को पत्र के माध्यम से राज्य सरकार से 30 दिन का समय मांगा, लेकिन 18 नवंबर को स्वायत्त शासन विभाग ने सौम्या गुर्जर को 30 की बजाय मात्र 7 दिन की मोहलत दी, लेकिन स्वायत्त शासन विभाग ने 25 नवंबर से पहले जवाब देने की बात कही है.