Jodhpur News: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की याचिका पर गुरुवार को हाईकोर्ट जस्टिस मनोज गर्ग (Magoj Garg) की बेंच में सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव को जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने राहत दी. हाईकोर्ट ने फिलहाल बाबा रामदेव के विरुद्ध बाड़मेर जिले के चौहटन में दर्ज एफआईआर के मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.


क्या कहा गया है आदेश में


हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया है कि एफआईआर संख्या 0030/2023 पुलिस स्टेशन चौहटन के संबंध में बाबा रामदेव को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. न्यायालय ने उन्हें 20 मई को या उससे पहले पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश भी दिया है. इससे पहले राजस्थान हाईकोर्ट में योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से पैरवी कर रहे सीनियर अधिवक्ता विवेक राज बाजवा ने न्यायालय में पक्ष रखा. इधर, सरकार की ओर से सरकारी वकील मूल सिंह भाटी ने पक्ष रखा. दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गर्ग ने जिले के चौहटन में धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले की योग गुरु बाबा रामदेव के विरुद्ध दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए आदेश जारी किया. 


जानिए क्या कहा था योग गुरु ने?


गौरतलब है कि योग गुरु बाबा रामदेव बाड़मेर जिले में एक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे थे. योग गुरु ने मंच से संबोधित करते समय कहा था कि मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं. लेकिन, कोई इस दुनिया को इस्लाम में तो कोई इसाई में बदलना चाहता है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि बदलकर करोगे क्या? बाबा रामदेव ने कहा था कि मुसलमानों के लिए इस्लाम का मतलब सिर्फ नमाज पढ़ो, फिर चाहे कुछ भी करो, चाहे आतंकवादी बनो या हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ, कुछ भी करो. इसके बाद बाड़मेर के चौहटन निवासी पठाई खान ने योग गुरु बाबा रामदेव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बाबा रामदेव ने इस्लाम धर्म और उसके अनुयायियों और उसके प्रति आस्था रखने वालों के खिलाफ जानबूझकर ऐसा बयान दिया है, जिससे इस्लाम के प्रति अन्य धर्मों में शत्रुता, घृणा और वैमनस्य की भावना उत्पन्न होती है.


शिकायतकर्ता ने एफआईआर पर ही उठाए थे सवाल


जानकारी हो कि इस मामले में बाड़मेर के चौहटन पुलिस थाने में एफआईआरदर्ज की गई. इसके दो दिन बाद पठाई खान ने मीडिया के सामने आकर बयान दिया था कि मुझे पता ही नहीं कि मेरे नाम से योग गुरु बाबा रामदेव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है. वह एफआईआर झूठी है. उसने कहा था कि मैंने ऐसी किसी भी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं करवाई है. उन्होंने क्षेत्र के ही एक अधिवक्ता के बारे में मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने मुझे मेरी जमीन के मुकदमे में मिलने बुलाया था. मेरे साइन कुछ पेपर पर करवाए और उनके आधार पर झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी गई है. मैं इसके विरुद्ध पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज करा रहा हूं. यह वीडियो भी उस दौरान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.


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