Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इस मामले में अजमेर जिला कोर्ट में केस फाइल किया है. उनका कहना है कि अजमेर दरगाह को भगवान श्री संकटमोचन महादेव विराजमान मंदिर घोषित किया जाए. साथ ही दरगाह समिति के अनाधिकृत अवैध कब्जे को हटाया जाए और इसका एएसआई सर्वे कराया जाए. 


विष्णु गुप्ता के दावे के बाद अजमेर शरीफ दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन अली चिश्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि झूठे दावों से धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने वाले संगठनों पर बैन लगना चाहिए, ताकि देश की कौमी एकता बरकरार रहे.


सैयद नसीरुद्दीन अली चिश्ती ने क्या कहा? 
चिश्ती ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस बात को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हर धार्मिक स्थलों में शिवालय ढूंढने की क्या जरूरत है? उन्होंने यह भी कहा, "जिस किताब का हवाला देकर दावा किया गया है उसका प्रमाण पुख्ता नहीं है. दरगाह दीवान साहब के उत्तराधिकारी होने के नाते हम इस झूठे दावे को खारिज करते हैं और ऐसी नफरती सियासत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं."


सैयद नसीरुद्दीन अली खान ने कहा, अजमेर दरगाह का द्वार सब धर्म के लोगों के लिए हमेशा खुला है. हर मजहब के लोग हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से आस्था रखते हैं. जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल है.


पहले भी हुए ऐसे दावे
दरअसल, अजमेर दरगाह को लेकर यह कोई पहला दावा नहीं है. इससे पहले महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने दरगाह में हिंदू मंदिर होने का दावा किया था, जो गलत पाया गया. इसके बाद फरवरी में वीर हिंदू आर्मी ने भी ऐसा ही दावा किया था. संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता और संस्थापक प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज वर्मा ने दरगाह में मंदिर होने की बात कही थी.



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