Rajasthan History: पांच हजार साल से पुराना है राजस्थान का इतिहास, रजवाड़ों के प्रदेश के बारे में रोचक फैक्ट्स जानिए
राजस्थान का इतिहास तकरीबन 5 हजार साल पुराना है. भारत की एक मात्र खारे पानी वाली नदी लूनी राजस्थान के थार रेगिस्तान से गुजरती है.इस राज्य के बारे में रोचक बातें जानिए
क्षेत्रफल की दृष्टी से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है. साल 1949 में इसे राज्य के तौर पर भारत में शामिल किया गया था. राजस्थान को 'राजाओं की भूमि' और 'रजवाड़ों की धरती' कही जाती है. यहां के भव्य राजमहल वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने हैं. राजस्थान हमेशा से पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. राजपूताना शासन के दौरान यहां काफी विकास हुआ. राजस्थान बाप्पा रावल, राणा कुंभा, राणा सांगा और राणा प्रताप जैसे प्रतापी राजाओं की भूमि रही है.
राजस्थान का इतिहास तकरीबन 5 हजार साल पुराना है. इसे तीन भागों में विभाजित किया जाता है. पहला प्राचीन काल, दूसरा मध्यकालीन और तीसरा आधुनिक काल. सबसे पहले जार्ज थॉमस ने राजपूताना शब्द का प्रयोग किया था. राजस्थान का की यह भूमि प्राचीन सभ्यताओ की जन्मस्थली है. यहां पाषाणकालीन और सिंधुकालीन सभ्यताओं का विकास हुआ.
राजस्थान का इतिहास
प्राचीन काल में राजस्थान के कुछ आंशिक हिस्से वैदिक और सिंधु घाटी की सभ्यता से मिलते हैं. राजस्थान के बूंदी और भीलवाड़ा जिलों में पाषाण युग के सामान मिले. वैदिक सभ्यता का मत्स्य साम्राज्य आज के जयपुर शहर है. मत्स्य साम्राज्य की राजधानी विराटनगर थी जो इसके संस्थापक राजा विराट के नाम पर रखा गया था. भरतपुर, धौलपुर और करौली प्राचीन काल में सूरसेन जनपद के अंतर्गत आते थे. इनकी राजधानी मथुरा थी. भरतपुर के नोह में खुदाई के दौरान उत्तर-मौर्यकालीन मूर्तियां और बर्तन प्राप्त हुए.
700 ईस्वी के दौरा राजस्थान के अधिकांश हिस्सों पर गुर्जरों का कब्जा हो गया है. उनकी राजधानी कन्नौज थी. गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य ने तकरीबन 11 वीं शताब्दी तक अरब आक्रमणकारियों से राजस्थान की रक्षा की. परंरागत रूप से यहां ब्राह्मण राजपूत, जाट, मीणा, यादव, मौर्य शासन, गुप्त शासन, यवन-शुंग, कुषाण, हूण और वर्धन साम्राज्य का शासन रहा.
राजपूतों का शासन
एक हजार इस्वी में राजस्थान के कुछ इलाकों पर राजपूतों ने शासन किया. तराइन के प्रथम युद्ध साल 1991 में पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी को हराया लेकिन साल 1192 में तराइन के दूसरी अहम लड़ाई में मुहम्मद गौरी की जीत हुई. इसके साथ ही राजस्थान का एक हिस्सा मुस्लिम शासकों के अधीन गया. 13वीं शताब्दी आने तक भारत पर मुस्लिम शासकों का कब्जा हो गया. ज्यादात्तर राजपूत शासक दिल्ली सल्तनत के लिए काम करने लगे.
हालांकि कई राजपूत शासकों ने अरब आक्रमणकारियों का विरोध किया. राणा हम्मीर सिंह ने तुगलक वंश को लड़ाई में परास्त करते हुए राजस्थान के एक बड़े हिस्से को पुनः प्राप्त कर लिया. वहीं राणा सांगा ने राजपूत राजाओं को एकजूट करते हुए लोदी वंश को खत्म किया लेकिन दुर्भाग्य से वह मुगल सम्राट बाबर से लड़ाई में हार गया.
15वीं शताब्दी में अलवर के रहने वाले हेम चंद्र विक्रमादित्य ने अफगान शासकों को 22 बार युद्ध में हराया था जिसमें मुगल सम्राट अकबर भी था. हालांकि 1556 में मुगलों के खिलाफ लड़ते हुए पानीपत की दूसरी लड़ाई के दौरान हेम चंद्र मारा गया. अकबर के शासन के दौरान कई सम्राटों ने मुगल साम्राज्य को स्वीकार कर लिया.
राजपूताना मराठों का उदय
17 वीं शताब्दी के बाद मुगल साम्राज्य का पतन की तरफ बढ़ने लगा जिसके बाद राजपूताना मराठे प्रभाव में आए. हालांकि ये ज्यादा समय तक सत्ता में बने नहीं रह सकें. दरअसल लगाता राज्यों की अस्थिरता और विद्रोह से बचने के लिए राजपूत शासकों ने ब्रिटिश सरकार को स्वीकार कर लिया.
आजादी के राजस्थान की स्थिति
आजादी के दो साल बाद राजस्थान जैसे बड़े राज्य का गठन हुआ. हालांकि ये सात चरणों में ही संभव हो पाया. मार्च साल 1948 में अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली नामक देशी रियासतों का विलय करके मत्स्य संघ बनाया गया.
25 मार्च 1948 में ही बांसवाड़ा, बुंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुर और टोंक को राजस्थान संघ में शामिल किया गया. तीसरे चरण ( अप्रैल1948) में उदयपुर को राज्य में शामिल किया गया. इसका राजप्रमुख महाराणा को बनाया गया था. चौथे चरण (मार्च 1949) के दौरान जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर को राजस्थान संघ में जोड़ा गया.
पांचवा चरण मई साल 1949 में संपन्न हुआ इस दौरान मत्स्य संघ का विलय राजस्थान में किया गया. छठवें चरण में सिरोही रियासक का विलय भी किया गया और अंतिम यानी सातवें चरण एक नवंबर साल 1956 में हुआ इस दौरान आबू देलवाड़ा का विलय किया गया.
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति
राजस्थान देश के उत्तरी पश्चिमी भाग में स्थित है. कर्क रेखा इसके दक्षिणी भाग बांसवाडा और डुंगरपुर को स्पर्श करती है. गर्मियों के मौसम में यहां सामान्य तापमान 23 से 46 डिग्री सेंटीग्रेट होती है. राजस्थान का क्षेत्रफल 3,42,349 वर्ग किलोमीटर है. इस राज्य को चार भौगोलिक प्रदेशों में बांटा गया है.
1.पश्चिम का थार मरुस्थल 2.अरावली पर्वतमाला 3.पूर्व का मैदान और 4.दक्षिण पूर्व हाड़ौती का पठार.
राजस्थान की सीमाएं पश्चिम में पाकिस्तान, दक्षिण-पश्चिम में गुजरात, दक्षिण-पूर्न में मध्य प्रदेश, उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में उत्तर प्रदेश और हरियाणा से सटा हुआ है. राजस्थान में 33 जिले हैं यहां कि जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 6.89 करोड़ है. जिसमें महिलाओं की संख्या तकरीबन 3.5 करोड़ और पुरुषों की संख्या 3.2 करोड़ है.
राजस्थान के अन्य रोचक फैक्ट
- राजस्थान का अस्तित्व 30 मार्च साल 1949 को आया था. इसलिए हर साल 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है.
- राजस्थान की राजधानी जयपुर की स्थापना राजा जय सिंह द्वितीय ने की थी.
- भारत की एक मात्र खारे पानी वाली नदी लूनी राजस्थान के थार रेगिस्तान से गुजरती है.
- राजस्थान के पहले मनोनीत मुख्यमंत्री हीरालाल शास्त्री थे जबकि पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री टीकाराम पालीवाल थे.
- राजस्थान के पहले राज्यपाल सरदार गुरूमुख निहाल सिंह थे इन्होंने रियासतों के पुनर्गठन के बाद 1 नवंबर साल 1956 को पदभार संभाला था.
- कर्नल जेम्स टॉड ने इस राज्य को रायथान कहा था. दरअसल स्थानीय बोलचाल में राजाओं के निवास स्थान को रायथान कहा जाता था.
यह भी पढ़ें