Rajasthan में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए यह कार्ड बनाना हुआ जरूरी, जानें- क्या है पूरी प्रक्रिया
Rajasthan News: प्रदेश के सभी निवासी परिवार जन-आधार कार्ड प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित जन आधार कार्ड प्रदान किया जाता है.
Rajasthan News: राजस्थान में अगर कोई भी आपको सरकारी योजना (Rajasthan government schemes) चाहिए तो सबसे पहले जन-आधार कार्ड (Jan Aadhaar card) बनवाना ही पड़ेगा. इस कार्ड के बनने से प्रदेश की सभी सरकारी योजनाओं के लिए हकदार बन जायेंगे. सरकार (Ashok Gehlot government) का मानना है कि इस कार्ड से राज्य के व्यक्ति का अपना एक मास्टर कार्ड बन जाता है. उसे दूसरे कार्डों के पीछे नहीं भागना पड़ता. वहीं सरकार (Rajasthan government) का दावा है कि इस कार्ड के बनने से प्रदेश का एक भी गरीब व्यक्ति अपने अधिकार से वंचित नहीं रह पायेगा. आइये जानते हैं कि क्या है इस कार्ड की विशेषता जो आपके लिए जरूरी है.
क्या है उद्देश्य
जन-आधार योजना का उद्देश्य राजस्थान के निवासी परिवारों की जन-सांख्यिकीय एवं सामाजिक आर्थिक (Demographic and Socio-Economic) सूचनाओं का डेटा बेस तैयार करना, नकद लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benfit Tranfer) माध्यम से और गैर-नकद लाभ आधार/जन-आधार अधिप्रमाणन के बाद देना, प्रदेश के निवासियों को जनकल्याण की योजनाओं के लाभ उनके घर के पास उपलब्ध कराना, ई-मित्र तंत्र का विनियमन द्वारा नियंत्रण व प्रभावी संचालन करना, महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है.
जन-आधार पंजीयन व जन-आधार कार्ड
प्रदेश के सभी निवासी परिवार पंजीयन कराने व जन-आधार कार्ड प्राप्त कर सकते हैं. प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित जन आधार कार्ड प्रदान किया जाता है. परिवार द्वारा निर्धारित 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला परिवार की मुखिया बनायी जाती है.
पूर्व पंजीकृत परिवारों के लिए
स्टेट रेजिडेन्ट डेटा रिपोजिटरी में पूर्व पंजीकृत परिवारों को 10 अंकीय जन-आधार परिवार पहचान संख्या प्रदान की जाती है. जन-आधार पहचान संख्या को मोबाइल नम्बर पर एस. एम. एस. और वॉयस कॉल के माध्यम से भेजा जाता है.
नवीन पंजीकरण वाले परिवारों के लिए
जन-आधार पंजीयन के लिए राज्य के निवासी जन-आधार पोर्टल पर स्वयं अथवा नजदीकी ई-मित्र पर निःशुल्क पंजीयन करा सकता है. सूचनाओं के सत्यापन के बाद 10 अंकीय जनआधार परिवार पहचान संख्या प्रदान की जाती है.
जन-आधार कार्ड वितरण
परिवार को जन-आधार पहचान संख्या जारी होने के बाद मुद्रित कार्ड सीधे सम्बन्धित नगर निकाय / पंचायत समिति/ई-मित्र द्वारा वितरित किया जाता है. नामांकित परिवार को जनआधार ई-कार्ड, जन-आधार पोर्टल अथवा एस. एस. ओ. आई डी के माध्यम से भी नि: शुल्क डाउनलोड करने की भी सुविधा उपलब्ध है और जन-आधार पंजीयन में दर्ज सूचनाओं में किसी भी प्रकार का संशोधन / अद्यतन ई-मित्र या एस. एस. ओ. आई डी के द्वारा करवाया जा सकता है.
लाभार्थियों की पात्रता के निर्धारण का माध्यम
सभी विभागों द्वारा जन आधार डेटा रिपोजिटरी के माध्यम से ही परिवार की पात्रता निर्धारित कर सेवाएं / लाभ हस्तांतरित किए जाते हैं. यदि किसी परिवार को अपनी पात्रता / दर्ज सूचनाओं में किसी भी प्रकार का परिवर्तन अपेक्षित है तो जन-आधार डेटा रिपोजिटरी में ही परिवर्तन करवाना होगा. विभागीय योजनाओं में अलग से अद्यतन कराने की आवश्यकता नहीं है.
पारदर्शिता एवं सामाजिक अंकेक्षण
परिवार को समय-समय पर प्रदान किए गए नकद व गैर-नकद लाभों के प्रत्येक लेन-देन की जानकारी जन-आधार पंजीयन में दर्ज मोबाइल नम्बर पर प्रेषित की जाती है. साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सभा में तथा शहरी क्षेत्रों में वार्ड समिति के समक्ष समय-समय पर जन सूचना पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों को हस्तांतरित लाभों का ब्यौरा सामाजिक अंकेक्षण के लिए प्रस्तुत करवाया जाता है.
प्रदेश और जिला स्तर पर अधिकारी
राजस्थान जन-आधार योजना का प्रशासनिक विभाग आयोजना विभाग है तथा निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव, आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय बजट नियंत्रण एवं प्रभारी अधिकारी है तथा योजना क्रियान्वयन एजेन्सी राजकॉम्प इन्फो सर्विसेज लिमिटेड जयपुर है. जिला कलेक्टर उप निदेशक (एसीपी) (जिला सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार ) उप/सहायक निदेशक जिला आर्थिक एवं सांख्यिकी-जिला जन आधार योजना अधिकारी अतिरिक्त जिला जन-आधार योजना अधिकारी (तकनीकी) अतिरिक्त जिला जन-आधार योजना अधिकारी.
ब्लॉक स्तर पर अधिकारी
उपखण्ड अधिकारी को उपखण्ड जन-आधार योजना अधिकारी. विकास अधिकारी ब्लॉक - अतिरिक्त ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी जन-आधार योजना अधिकारी और अतिरिक्त ब्लॉक, जन-आधार योजना अधिकारी (तकनीकी) को जिम्मेदारी दी गई है.