Rajasthan News: राजस्थान के जंगलों में शिकारी एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं. जंगली जानवरों के शिकार के लिए ऐसे तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. राजस्थान के अलवर के डेहरा शाहपुरा के अमृतबास के जंगलों में एक साथ तीन पैंथरों के शिकार की खबर चिंता बढ़ाने वाली है. इससे लगता है कि सरिस्का में फिर से शिकारी सक्रिय हो गए हैं. इससे पहले भी शिकारियों ने इस क्षेत्र से बाघों का सफाया कर दिया था.
सरिस्का के बफर जोन से लगते वन क्षेत्र में 3 पैंथरों के शिकार की खबर से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. मौके पर पहुंची टीम ने पैंथरों के शवों को अपने कब्जे में लिया. पैंथरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए वन विभाग के कार्यालय भिजवाया गया है. सरिस्का के बफर जोन में 16 जनवरी को एक 9 महीने के तेंदुए का शव मिला था, वहीं आज दो तेंदुए के शव मिले हैं, उनकी उम्र 2 साल से अधिक बताई जा रही है.
16 जनवरी को भी मिल चुका है एक पैंथर का शव
देशी-विदेशी पर्यटक हजारों की तादाद में बाघों को देखने के लिए पहुंचते हैं लेकिन तीन तेंदुए के शिकार की घटना ने वन विभाग व प्रशासन के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. ऐसा लगता है कि बफर जोन में शिकारी फिर सक्रिय हो चुके हैं. इसको लेकर वन विभाग की टीम जांच में जुट गई है. सरिस्का के बफर जोन से लगते बफर क्षेत्र में 16 जनवरी को एक पैंथर का शव मिला था, उसको वन विभाग की टीम ने पहुंचकर अपने कब्जे में लिया. बता दें कि पैंथर का विसरा जांच में लिया गया और उसका अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन उसी क्षेत्र में दो पैंथर के शव मिलने से हड़कंप मचा हुआ है.
गाय का जहर लगाकर किया गया था शिकार
वन विभाग की डीसीएफ अपूर्व श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी टीम सूचना मिलते ही पहुंची और ग्रामीणों के सहयोग कर एक गड्ढे में पत्तों के नीचे पैंथरों के शवों को ढूंढ निकाला. इस जगह पर गाय के अवशेष भी बिखरे मिले हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गाय पर जहर लगाकर पैंथर का शिकार किया गया है. शिकारी शिकार को बाद में लेकर जाते हैं लेकिन उससे पहले ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई और वन विभाग को सूचना दे दी गई.
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