Rajasthan IAS Officer Transfer: राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद विभागों का भी बंटवारा हो गया. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 72 आईएएस और 121 आरएएस अधिकारियों का तबादला किया है. शुक्रवार (5 जनवरी) को जारी किए ट्रांसफर आदेश में जोधपुर जिला कलेक्टर सहित कई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. हिमांशु गुप्ता की जगह गौरव अग्रवाल को जोधपुर का नया जिला कलेक्टर बनाया गया है.
इससे गौरव अग्रवाल कई जिलों में कलेक्टर के पद पर रहकर सेवाएं दे चुके हैं. राजस्थान सरकार ने अलावा जोधपुर ग्रामीण के नाम से बनाए गए नए जिले के विशेष अधिकार को भी हटा दिया है. हालांकि यहां पर किसी को नियुक्ति को नहीं देकर सरकार ने जिले को समाप्त करने के संकेत दिए हैं.
कौन हैं जोधपुर के नए कलेक्टर?
राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आईएएस गौरव अग्रवाल को जोधपुर जिले का कलेक्टर बनाया गया है. जोधपुर के नवनियुक्त जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल के अधिकारी बनने की कहानी बहुत ही रोचक है. गौरव अग्रवाल हांगकांग से लाखों का पैकेज ठुकरा कर भारत लौटे और यूपीएससी टॉपर बन गए. गौरव अग्रवाल ने साल 2005 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
हांगकांग से नौकरी छोड़ शुरू यूपीएससी की तैयारी
इसके बाद गौरव अग्रवाल आईआईएम लखनऊ से वित्त प्रबंधन में भी डिग्री हासिल की. उन्हें इस लखनऊ आईआईएम में उत्कृष्ट अकादमी के लिए स्वर्ण पदक मिला. एमबीए करने के बाद गौरव अग्रवाल ने हांगकांग में इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में अच्छे पैकेज पर नौकरी ज्वाइन की, हालांकि बाद में वह नौकरी छोड़कर वापस भारत आ गए. भारत आकर गौरव अग्रवाल ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की.
16 साल की उम्र में बने आईआईटी टॉपर
गौरव अग्रवाल ने पहले प्रयास में यूपीएससी टॉपर बने और उन्हें आईपीएस रैंक मिली. इसके बाद साल 2013 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी टॉपर बनकर राजस्थान कैडर में बतौर आईएएश अधिकारी ज्वाइन किया. जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी गौरव अग्रवाल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत जहीन और मेहनती रहे. उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा जयपुर में पूरी की, इसके बाद उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक इंजीनियरिंग पास की थी.
साल 2005 में गौरव अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था. हालांकि बीटेक की शिक्षा के दौरान एक बार थोड़ी परेशानी खड़ी हो गई थी. इसका असर उनके शिक्षा पर पड़ा. इसी कारण से उनकी डिग्री जो 4 साल में पूरी होनी थी, उसे पूरा होने में ज्यादा समय लगा.
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