राजस्थान के चर्चित IPS किशन सहाय का बयान, स्कूल में बच्चों से कहा- 'नहीं होते ईश्वर-अल्लाह या गॉड'
Rajsthan News: IPS किशन सहाय मीणा ने स्कूल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "धार्मिक विश्वास ही वास्तव में अंधविश्वास की जड़ है. ईश्वर,अल्लाह, गॉड और वाहे गुरु होते ही नहीं हैं."
Rajsthan News: राजस्थान के आईजी और मानवाधिकार के पद पर कार्यरत आईपीएस अफ़सर किशन सहाय मीणा ने भगवान के अस्तित्व को लेकर फिर से टिप्पणी की है. किशन सहाय ने दौसा जिले के बांदीकुई में एक सरकारी स्कूल में सोमवार को कहा कि धार्मिक विश्वास ही वास्तव में अंधविश्वास की जड़ है. ईश्वर,अल्लाह, गॉड और वाहे गुरु होते ही नहीं हैं.
सरकारी स्कूल में बैग वितरित करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में किशन सहाय मुख्य अतिथि थे. उन्होंने स्कूली बच्चों से अपने नाम के साथ सरनेम नहीं लगाने को भी कहा. इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि ऐसा करने से जातिगत भेदभाव बढ़ता है. भगवान के अस्तित्व को लेकर ख़ुद अपना उदाहरण देते हुए किशन सहाय बोले कि वो जब दूसरी और तीसरी क्लास में पढ़ते थे तब उन्होंने रामायण और महाभारत पढ़ ली थी. तब उन्हें लगता था कि भगवान मिलेंगे तो वो उनकी भक्ति करेंगे, लेकिन जब वो कॉलेज गए तो समझ गए कि ये सभी बाते काल्पनिक है. उन्होंने कहा कि ईश्वर-अल्लाह-गॉड और वाहे गुरु के होने की बातों में दम नहीं है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने का दिया तर्क
उन्होंने स्कूली बच्चों से वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने को कहा और तर्क दिया कि जिन परिवारों में धर्म के प्रति ज़्यादा विश्वास होता है उनमें समस्याएं भी ज़्यादा होती हैं. किशन सहाय मीणा ने एक पीपल के पेड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चों की धार्मिक मान्यताएं उनके पारिवारिक माहौल से विकसित होती है. धार्मिक विश्वास अंधविश्वास की जड़ें हैं, जिनसे भूत-प्रेत और टोने-टोटके जैसी मान्यताएं पनपती हैं.
पहले भी भगवान के अस्तित्व पर उठा चुके हैं सवाल
आई जी किशन सहाय इससे पहले भी भगवान के अस्तित्व को लेकर सोश्यल मीडिया पर पोस्ट कर चुके हैं. तब उन्होंने लिखा था कि भगवान ने कभी किसी देश को गुलाम होने से नहीं बचाया है. जिन देशों के पास तकनीक और हथियार अच्छे थे, वही देश आगे बढ़ रहे हैं. इसका मतलब है कि ईश्वर, अल्लाह, गॉड,जैसी कोई शक्ति न कभी थी, न होती है. अगर इनसे हमें हिम्मत मिलती है तो यह केवल हमारा भ्रम मात्र है. देश को आगे बढ़ाना है तो वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना होगा.
ये भी पढ़ें: राजस्थान: कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड मामले रोकने के लिए बनेगा नया कानून, जानें भजनलाल शर्मा सरकार का प्लान