Udaipur News: उदयपुर के स्वर्ण शिल्पकार डॉ. इकबाल सक्का ने अनोखा काम किया है. उन्होंने भारतीय संविधान को गजल के रूप में लिखा है. संविधान को एक साथ तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. इकबाल सक्का अलग-अलग सूक्ष्म वस्तुओं को बनाकर अब तक नेशनल और इंटरनेशनल 100 अवार्ड अपने नाम कर चुके हैं. सभी वस्तुएं सोने (गोल्ड) से ही बनाते हैं. सक्का के अनुसार संविधान की गजलमयी विशेषताओं को चर्मपत्र पर 120 पन्नों में 615 शायरी के माध्यम से उकेरा गया है. उन्होंने प्रथम पृष्ठ पर शीर्षक ‘संविधान-ए-गजल’ को चांदी के अक्षरों में लिखा है. जानते हैं कौन से अवॉर्ड अपने नाम किये और क्या है 'संविधान-ए-गजल'.


गजल के रूप में लिखा संविधान


डॉ. इकबाल सक्का ने बताया कि मूल संविधान की तर्ज पर संविधान की गजल पुस्तिका का हर पन्ना 58.4 सेमी ऊंचा, 47.7 सेमी चौड़ा है. 120 पन्नों की हाथ से लिखी किताब का वजन 13 किलो है. ‘संविधान-ए-गजल’ को मूल संविधान की तरह काली स्याही में लिखा गया है. सक्का ने विश्व का पहला और सबसे लंबा चर्मपत्र पर हस्तलिखित संविधान-ए-गजल होने का दावा किया है. सम्मान मिलने पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि मेहनत सफल हो गई.




रचनाकार को मिले प्रतिष्ठित अवार्ड 


सक्का ने बताया कि संविधान-ए-गजल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, ट्रंप बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड और होप इंटरनेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रबंधक माइकल वनडेन चीयर ने गोल्डन बुक में दर्ज होने का प्रमाण पत्र, टी-शर्ट, गोल्ड मेडल और बैच अमरेकी कार्यालय से जारी किया है. हॉप इंटरनेशनल रिकॉर्ड बुक के संस्थापक डॉक्टर अहमद शेख ने प्रमाण पत्र, गोल्ड मेडल और ट्रंप बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुख्य प्रबंधक मुक्ता प्रताप ने भारती कार्यालय चेन्नई तमिलनाडु से प्रमाण पत्र प्रदान किया.




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