Rajasthan News: राजस्थान RAS अधिकारियों के प्रमोशन में दूसरे राज्यों से 16 साल पीछे, फंसा है ये कानूनी पेंच
Rajasthan: दूसरे राज्यों में प्रशासनिक सेवा को पास करके जब युवा अधिकारी बनते हैं, तो वे महज 9 से 14 साल की सेवा के बाद पदोन्नत होकर आईएएस बन जाते हैं लेकिन, राजस्थान में ऐसा नहीं है.
Rajasthan RAS Officers News: राजस्थान में आरएएस अधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं की क्रियांविति के लिए पुरजोर प्रयास कर लोगों को लाभ पहुंचाते हैं. केन्द्र और राज्य की योजनाओं का लाभ लोगों को मिले, इसके लिए नीचे तक मॉनिटरिंग करते हैं और अड़चनों को दूर करने का काम करते हैं. हालांकि इन अधिकारियों की स्वयं की समस्याओं को ही ये सालों से नहीं सुलझा पा रहे हैं. ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्थाओं में अहम रोल अदा करने वाले राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी लंबे समय से अपने प्रमोशन के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
दूसरे राज्यों में प्रशासनिक सेवा (पीसीएस) को पास करके जब युवा अधिकारी बनते हैं, तो वे महज 9 से 14 साल की सेवा के बाद पदोन्नत होकर आईएएस बन जाते हैं लेकिन, राजस्थान में ऐसा नहीं है. राजस्थान में प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को आईएएस बनने का मौका करीब 25-27 वर्ष की सेवा के बाद मिलता है. राजस्थान के अधिकारी दूसरे प्रदेशों से करीब 15-16 साल पीछे चल रहे हैं.
अभियंता और प्राचार्य से कम है आरएएस का वेतन
दूसरे प्रदेशों में पदोन्नती जल्दी होने के कई कारण हैं, जबकी राजस्थान में बड़ा केडर होने के साथ प्रशासनिक और कानूनी पेचीदगियां हैं. राजस्थान में करीब 17 साल से लीटेगेशन में मामला उलझा रहा. आरएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव बजाड़ ने बताया कि अपनी मांगों के ज्ञापन को सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के पास प्रस्तुत कर चुके हैं और वैकेंसी बढाए जाने और समस्त समस्याओं को जल्द पूरा करने की मांग की जाती रही है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा केन्द्र को एक प्रस्ताव भेज गया है. ये अधिकारी प्रशासनिक दृष्टि से प्रमुख कहलाए जाते हैं लेकिन उनका वेतन मुख्य अभियंता, कॉलेज के प्रोफेसर सहित कई अधिकारियों से भी कम होता है.
प्रमोशन के मौके भी कम और समय भी अधिक
राजस्थान में शुरूआती दौर में प्रमोशन नहीं हुए. कई मामलों में तो जिस दिन रिटायर्मेट था उसी दिन प्रमोशन हुए. राजस्थान में वर्ष 1996-97 के बाद के केडर के अधिकारी आईएएस नहीं बन पाए. 1997 बैच के भी कुछ ही अधिकारी आईएएस में प्रमोट किए गए. ऐसे में सैकडों अधिकारी होंगे जो इस लाभ से वंचित हैं. उत्तर प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा, झारखंड, आंध्रप्रदेश, केरल, तेलंगाना सहित बहुत से राज्यों में राज्य प्रशासनिक सेवा में आने के बाद अधिकारी को 7 प्रमोशन मिलते हैं, जबकि राजस्थान में यह मौके सिर्फ पांच हैं. आरएएस अधिकारियों ने मांग रखी है कि राजस्थान में हायर सुपर टाइम स्केल में आरएएस का आखरी प्रमोशन (पांचवा) होता है. प्रमोशन के इन मौकों को बढ़ाकर 6 से 7 तक किया जाना चाहिए. आखिरी प्रमोशन अपेक्स स्केल में होना चाहिए और उसका वेतन भी चीफ इंजीनियर-प्रोफेसर आदि से ज्यादा ही होना चाहिए.
एज फेक्टर है वजह
राजस्थान में उम्र को लेकर भी काफी पेचीदगियां हैं. राजस्थान में हर आरएएस को भी आईएएस बनने का मौका नहीं मिलता. एक युवा 24 से 35 साल की आयु के बीच आरएएस अधिकारी बनता है. उसके बाद उसे 25-26 साल बाद जब आईएएस बनने का मौका मिलता भी है, तो उसकी उम्र 50 से 60 के बीच होती है. केन्द्र सरकार के नियमानुसार आईएएस में पदोन्नत होते वक्त संबंधित अधिकारी की आयु 54 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. ऐसे में मौका मिलने पर भी वे आरएएस अधिकारी तो आईएएस बन ही नहीं पाते जो इस आयु सीमा को पार कर जाते हैं. अधिकांश इसी केटेगरी में आते हैं जो आईएएस बने बिना ही सेवानिवृत्त हो जाते हैं.
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