Rajasthan News: राजस्थाम में जल जीवन मिशन के तहत हुए काम पर अब सवाल उठने लगे हैं. बीजेपी की सरकार आने के बाद बीजेपी नेता इस पर आक्रामक तरीके से मुद्दा उठा रहे हैं. दूदू के विधायक और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवां ने पहले ही जांच कराने के संकेत दिए हैं. वहीं जिला परिषद की बैठक में परिषद सदस्य रामरतन नासणा ने दूदू के सैंकड़ों गांव में हुए काम में घपले का मुद्दा उठाया है. उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की है. इसमें पहले भी की एक बार जांच हो चुकी है, जिनमें तीन कर्मचारी निलंबित हुए हैं फिर भी उसपर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
जांच में निलंबित हुए थे तीन कर्मचारी
जिला परिषद जयपुर में साधारण सभा की बैठक में दूदू से जिला परिषद सदस्य रामरतन नासणा ने जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मामला उठाया. उन्होंने 'यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी' द्वारा दूदू पंचायत समिति मोजमाबाद पंचायत समिति के 108 गांव में कई पाइपलाइन के नाम पर धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि फर्जी बिल बनाकर पैसा निकाला जा रहा है.
इतना ही नहीं इससे पूर्व में अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी द्वारा इसकी जांच कराई गई थी. जिसमें सेवा ग्राम पंचायत में नंदा की ढाणी में दो टंकी ही गिर गई थी और तीन कर्मचारी सस्पेंड हुए थे.
जिला परिषद सदस्य रामरतन नासणा ने मांग की है कि जब कर्मचारी सस्पेंड हो गए तो उसे ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया. क्योंकि इसमें बहुत बड़ा घोटाला हुआ है. इसकी जांच हो और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाए. वहीं यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी के गिरधारी यादव का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है.
'पैसा जारी लेकिन काम नहीं हुआ'
परिषद सदस्य रामरतन नासणा का कहना है कि दूदू के 108 गांवों की जल जीवन मिशन की परियोजना लगभग में 195 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई, लेकिन उसका कार्य पूरा नहीं किया गया. उसके बावजूद गहलोत सरकार के समय 12 करोड़ की राशि अधिकारीयों और ठेकेदार की मिलीभगत से और जारी करवा दी गई. इन सबकी जांच होनी चाहिए.
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