khole ke Hanuman Ji Mandir News: राजस्थान के जयपुर जिले में खोले के हनुमान जी (khole Ke Hanuman Ji Temple) का मंदिर है. Fये मंदिर जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. खोले के हनुमान जी मंदिर की स्थापना पंडित राधे लाल चौबे ने की है. उन्होंने यहां हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की. साथ ही उन्होंने यहां पर पूजा-पाठ करना शुरू कर दिया और अंत तक यहीं रहे. पंडित राधेलाल चौबे (Radhe Lal Choubey) ने हनुमान जी मंदिर के विकास के लिए 1961 में नरवर आश्रम सेवा समिति नाम से संस्था भी बनाई.
यही संस्था इस मंदिर का संचालन कर रही है. मंदिर के लोग बताते हैं कि मूर्ति मिलने से पहले यहां लक्ष्मण डूंगरी काफी दुर्गम और निर्जन थी. यहां पर बारिश के समय पानी खोले रूप में बहता था. इसलिए इस जगह का नाम खोले के हनुमानजी जी पड़ गया. लेकिन अब इस मंदिर का स्वरूप और रूप बहुत बड़ा हो चुका है. इस मंदिर पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं. यहां पर हर दिन भंडारा किया जाता है.
इन मूर्तियों की है स्थापना
खोले के हनुमान जी मंदिर के मुख्य प्रांगण में दायीं तरफ पंडित राधेलाल चौबे के सम्मान में संगमरमर के पत्थर से निर्मित उनकी समाधि बनाई गई है.साथ ही मंदिर में अन्य हिंदू देवी देवताओं की सुंदर मंदिर बनाए गए हैं. यहां ठाकुरजी, गणेशजी, ऋषि वाल्मीकि, गायत्री मां और श्रीराम दरबार में भगवान राम सहित उनके छोटे भाई लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न की मूर्तियां बनाई गई हैं. सभी मूर्तियों की पूजा होती है. मंदिर में सुंदरकांड, रामायण के पाठ, हनुमान जी के कीर्तन, शिवजी के सहस्त्र घट, यज्ञ, जप, जीमन और रामधुनी भी होती है. साथ ही खोले के हनुमान जी को गेहूं का चूरमा, रोट, गुड-चने, बूंदी के लड्डू, पान का बीड़ा, तुलसी माला, दाने और बर्फी का विशेष भोग लगाया जाता है. यहां हनुमान जी को जो पोशाक पहनाया जाता है, उसे मंदिर के लोग खुद बनाते हैं. मंदिर में हनुमान जी सिंदूर, चमेली, देसी घी, चांदी के वर्क, प्रसाद, फूल-माला चढ़ाई जाती है.
आरती का समय
मंदिर में आरती का समय भी हमेशा मंदिर की वेबसाइट पर अपडेट होता है. रविवार, सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को मंदिर में आरती सुबह 9 बजे होती है. वहीं इन दिनों संध्या आरती 8.30 बजे होती है.इसके अलावा मंगलवार और शनिवार को आरती सुबह 9 बजे होती है. वहीं इन दो दिनो में आरती संध्या आरती रात 8:30 बजे होती है.
ये है मंदिर का इतिहास
खोले के हनुमान जी मंदिर की एक बड़ी ख्याति है. यहां श्रद्धालुओं के अलावा देशी-विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं.यही नहीं प्रकृति की मनोरम छटा को निहारने के लिए भी लोग यहां दूर-दूर से आते हैं. लक्ष्मण डूंगरी पर बने खोले के हनुमान जी मंदिर का इतिहास लगभग 70 साल पुराना बताया जाता है. खोले के हनुमान जी मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई है उसके अनुसार, 60 के दशक में शहर की पूर्वी पहाड़ियों की खोह में बहते बरसाती नाले और पहाड़ों के बीच निर्जन स्थान में एक साहसी ब्राह्मण ने यहां के पहाड़ पर लेटे हुए हनुमानजी की विशाल मूर्ति खोज निकाली. इस निर्जन जंगल में भगवान को देख ब्राह्मण ने यहीं पर मारूती नंदन श्री हनुमान जी की सेवा पूजा करनी शुरू कर दी और प्राणान्त होने तक उन्होंने ये जगह नहीं छोड़ी.पंडित राधेलाल चौबे खोले के हनुमानजी के परमभक्त थे.