Rajasthan: शराब का आदि था पिता, पैसे नहीं चुका पाने पर बेटी को कर्जदार को बेचा, ऐसे हुआ मामले का खुलासा
Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर में एक शराबी पिता ने शराब का कर्ज चुकाने के लिए 4 साल की मासूम बेटी को भीख मांगने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया. मासूम रोजाना 80 से 100 रुपये भीख मांगकर लाती.
Jaipur News: बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन, बाल अधिकारिता विभाग और मानव तस्करी यूनिट जैसी संस्थाएं मिलकर काम कर रही हैं. तो उसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहें. कभी बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया जा रहा है तो पीड़ित बच्चों की मदद भी की जा ही है. सैकडों नाबालिग बच्चों को अस्थाई आश्रय दिलाया जा रहा है, बच्चो के भविष्य से खिलवाड करने वालों पर कार्रवाई हो रही है तो बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास भी निरंतर जारी है. ऐसे में कई बच्चे बाल कल्याण समिति के पास आते हैं तो उनकी काउंसलिंग की जाती है, जिसमें बच्चे अपनी व्यथा को खुलकर बताते हैं. एक दिन पूर्व आए सगे भाई बहनों ने भी ऐसे ही चौंका देने वाले खुलासे किए हैं.
पैसे नहीं चुका पा रहा था तो बेटी को दे दिया
बाल कल्याण समिति सदस्य अरुण भार्गव ने बताया कि उनके समक्ष पेश किए गए भाई बहन की काउंसलिंग में सामने आया कि शराबी पिता ने अपनी ही संतान को कर्जदार को सौंप दिया. क्योंकि वह कर्जदार के पैसे नहीं चुका पा रहा था. अरुण भार्गव ने बताया कि वार्ड पार्षद किशन मालव का फोन आया था कि एक बालक एवं बालिका निराश्रित रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में घूम रहे हैं. इसकी सूचना चाइल्ड लाइन को दी व वार्ड पार्षद ने रेलवे थाना पुलिस को सूचित किया. रेलवे कॉलोनी द्वारा पुलिस बच्चों को लेकर थाने आ गई और चाइल्ड लाइन को सूचना दी और चाइल्ड लाइन के नवनीत ने एक 4 वर्षीय बालिका व 6 वर्षीय बालक को रेलवे कॉलोनी थाने से लेकर समिति के समक्ष पेश किया.
भार्गव ने जब बच्चों से बातचीत कि तो बालक ने बताया कि उसकी मां दिव्यांग है, उसके पिताजी शराब पीते हैं और कबाड़े का काम करते हैं. बालक बालिका के पिता ने एक आदमी से उधार पैसे लिए थे, शराब पीने के लिए व उसको नहीं चुका पा रहा था. रोज कहासुनी होती थी इसलिए 4 वर्षीय बालिका के पिता ने जो जयपुर में रहते हैं अपनी बेटी को यह कहकर उस आदमी को सौंप दिया कि तू भीख मंगवा कर अपने पैसे वसूल कर लेना और मेरी बेटी को ले जा.
मासूम रोज भीख मांगती
बाल कल्याण समिति सदस्य ने बताया कि पिता के कहने पर वह आदमी लड़की को लेकर चला गया. बालिका ने बताया कि वह 80-100 रुपए रोज कमा कर आती थी और उस आदमी को देती थी. अभी तक उसने उस आदमी को 4500 रुपए दिए हैं. लड़की के 6 वर्षीय भाई को पता चला तो वह बहन को जयपुर से लेकर कोटा आ गया और तीन-चार दिन कोटा में रहा. ये बालक पहले भी कोटा में रह चुका है, इसलिए उसने कोटा का रुख किया.
महिला कांस्टेबल मीनाक्षी और चाइल्ड लाइन के नवनीत को आदेशित किया गया कि बालक को बालगृह उत्कर्ष में व बालिका को बालिका शिशु ग्रह नांता में रखा जाए. दोनो भाई बहन में गहरा प्यार है, ऐसे में वह साथ रहना चाहते थे, लेकिन नियमों के तहत बालिका और बालक को अलग-अलग रखा जाता है, उसी के तहत उन्हें रखा गया.