आदर्श को-ऑपरेटिव स्कैम में खुली एक और परत, मुकेश मोदी ने फाड़े 224 करोड़ के सूट, जानें क्या है पूरा मामला
Jaipur News: आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी एक कोऑपरेटिव सोसायटी थी जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी. सोसायटी बनाकर 20 लाख लोगों से 14 हजार रुपए का घोटाला किया गया, घोटाले के सभी आरोपी जेल में हैं.
Jaipur News: देश के 28 राज्यों में 809 शाखाएं खोलकर 8 साल में 20 लाख लोगों को 14 हजार करोड़ का चूना लगाने वाली आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी एक बार फिर से चर्चा में है. इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है, वो यह की सोसायटी के मालिक मुकेश मोदी ने 224 करोड़ रुपए के सूट फाड़ डाले. मुकेश मोदी ने कागजों में दिखाया कि उसने सूट मुंबई से खरीदे और उन्हें एजेंटों को बांटा, लेकिन हकीकत में ये सूट खरीदे ही नहीं गए थे. उसने कागजों में बताया कि ये सूट नकद खरीदे गए, वितरित हुए और बाद में फट गए.
फर्जी कंपनी बनाकर बेटी ने की उठाए करोड़ों रुपए के लोन
उसकी बेटी को लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें कहा गया है कि उसकी बेटी गुड़गांव में महज 180 वर्ग फीट की एक दुकान में कई फर्जी कंपनियां चला रही थी और फर्जी कंपनी के नाम पर उसने करोड़ों रुपए का लोन लिया. मुकेश मोदी ने सोसायटी का गोरखधंधा चलाने के लिए एक कंसलटेंट फर्म बनाई और इसमें खुद व अपनी पत्नी और दामाद को शामिल किया. तीनों के नाम से बिना कोई काम बताए तीन साल में 270 करोड़ रुपए का कमीशन लिया गया.
फर्जी कंपनी के नाम पर लिया लोग, कंगाल कर दिया इस्तीफा
लोगों की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए मुकेश मोदी ने रियल स्टेट की 90 फर्जी कंपनियां बनाई. सोसायटी से 24% की महंगी दर से लोन लिया और कंपनियों को कंगाल बताकर इस्तीफा दे दिया. उसने कर्मचारियों को कंगाल फर्मों का डायरेक्टर बना दिया. इन सभी कंपनियों से निकाले पैसों से जमीनें खरीदीं. सोसायटी को दिखाई ब्याज की एंट्रियां भी फर्जी थीं, न तो कंपनियों ने लोन चुकाया न ही सोसायटी ने वसूली का प्रयास किया.
फैक्ट फाइल
एसओजी-ईडी ने इसे लगभग 15000 करोड़ का घोटाला माना है. दोनों एजेंसियां 124 लोगों के खिलाफ इस मामले में चालान कर चुकी हैं. आयकर विभाग की रिपोर्ट में भी मुकेश मोदी के संबंध 120 कंपनियों से माने गए. वहीं, ईडी अब तक मोदी की 1816 करोड़ की संपत्तियां कुर्क कर चुकी है.
कब और कैसे हुए इस महाघोटाले शुरुआत
आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी एक कोऑपरेटिव सोसायटी थी जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी. राजस्थान के सिरोही के टैक्सी ड्राइवर और कैसेट रिकॉर्डिंग करने वाले 2 भाइयों ने इसकी शुरुआत की थी. कंपनी का मुख्यालय गुजरात के अहमदाबाद में था. इसकी स्थापना मुकेश मोदी ने की थी और राहुल मोदी इसके प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाए गए.
परिजनों को बांटी अंबानी से भी ज्यादा सैलरी
स्थापना के बाद से इस सोसायटी ने 31 अगस्त 2016 तक देश के 28 राज्यों में 806 शाखाएं खोलीं. इनमें से 309 राजस्थान में खोली गईं और कम से कम 20 लाख इन्वेस्टर्स को ठगा गया. दोनों भाइयों ने आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी बनाकर स्कैम को अंजाम दिया. फर्जी कंपनी बनाकर अपने परिवार वालों को मुकेश अंबानी से भी ज्यादा सैलरी बांटी.
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