Rajasthan Dinosaur News: पश्चिमी राजस्थान के रेतीले धोरों की धरती जैसलमेर जिले में पिछले लंबे समय से चल रहे. शोध के दौरान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को जैसलमेर जिले में लंबी गर्दन वाले शाकाहारी डायनासोर के सबसे पुराने जीवाश्म अवशेष मिले हैं. जिससे यह साफ स्पष्ट होता है कि भारत डायनासोर के क्रमिक विकास का प्रमुख केंद्र था. डायनासोर की यह प्रजाति लगभग 16.7 करोड़ वर्ष पुरानी है. इसे थायोसॉरस इंडेक्स नाम दिया गया है. क्योकि ये जीवाश्म डायनासोर की प्रजाति पश्चिमी राजस्थान के थार के रेगिस्तान में पाए गए है.


जैसलमेर में आज भले ही थार रेगिस्तान है, लेकिन 16.7 करोड़ साल पहले इस धरती पर दुनिया का सबसे पुराना शाकाहारी डायनासोर रहा करता था. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) के वैज्ञानिक देवाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्ण घोष ने 2018 में रिसर्च शुरू किया था. जिले के थाईयात गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थायोसॉरस के जीवाश्म मिले थे. जिसमे सबसे ज्यादा डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूछ और पसलियों की हड्डियों के जीवाश्म मिले थे. 


वे शाकाहारी होते थे
शोधकर्ताओं का कहना है कि डायनासोर की प्रजाति में थायोसॉरस काफी प्राचीन है. आईआईटी रुड़की के सेंटर में सुनील बाजपे और देबजीत दत्ता ने 2022 में रिसर्च शुरू की, अगस्त 2023 के पहले सप्ताह में रिसर्च पूरी होने पर वैज्ञानिक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं.  वैज्ञानिकों के अनुसार डायनासोर के पुराने परिवार डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स में रखा गया है. इस परिवार के डायनासोर की गर्दन लंबी और मुंह छोटे होते है वे शाकाहारी होते थे. 


2014 में डायनासोर के पंजे के निशान खोजे गए थे
इससे पहले थाईयात गांव की पहाड़ियों में 2014 में डायनासोर के पंजे के निशान खोजे गए थे. डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स 40 फ़ीट लंबे होते थे. थायोसॉरस के रूप में भारत मे पहली बार एक डायक्रेओसोराइड सोरोपॉड्स मिला है. यह करीब 40 फीट लंबे होते थे. डायनासोर का यह परिवार डिप्लॉयडोसाइट डायनासोर प्रजाति में आता है. भारत में इससे पहले किसी डिप्लॉयडोसाइट का जीवाश्म नहीं मिला है.


एशिया और अमेरिका में मौजूद होने की उम्मीद है
इससे पहले डायनासोर पर हुए. शोध में सामने आया ताकि सबसे पुराना डिप्लॉयडोसाइट लगभग (164-166  मिलियन वर्ष पुराना) था. डायनासोर के पूर्वजों के एशिया और अमेरिका में मौजूद होने की उम्मीद है. शोधकर्ताओं ने कहा कि डायनासोर के सबसे पुराने जीवाश्म अवशेष मिलने से यह पता चलता है कि भारत में हुई ताजा खोज ने चीन की खोज में मिले जीवाश्म को 10 से 30 लाख साल पीछे छोड़ दिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार इन सभी खोजों को जोड़कर देखें तो पक्के सबूत मिलते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप डिप्लॉयडोसाइट डायनासोर की उत्पत्ति भारत डायनासोर के क्रमिक विकास का प्रमुख केंद्र था.


ये भी पढ़ें: Watch: लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने सरकार को घेरा, मणिपुर घटना पर कहा- 'अच्छा होता प्रधानमंत्री पहले ही...'