Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान के धोरों की धरती जालोर जिले के रानीवाड़ा के  मेंढक कल्ला गांव के आसुराम देवासी ने सफलता की एक नई कहानी लिखी है. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. जिसके चलते वो  दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे, लेकिन उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए पढ़ाई जारी रखी थी.


नतीजा यह रहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा 2020 में आसुराम देवासी ने ऑल राजस्थान में 11वीं रैंक प्राप्त की,ओर असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए. आसुराम की सफलता और संघर्ष की पूरी कहानी वास्तव में गुदड़ी के लाल की है.


किसी भी क्षेत्र में सफलता हमेशा कठोर और परिश्रम के रास्ते से ही होकर गुजरती हैं. अगर कोई पूरी शिद्दत से इस सफर को पूरा कर ले तो वह मंजिल तक पहुंच जाता है. जिंदगी की तमाम मुश्किलों के बावजूद की गई कड़ी मेहनत से सफलता मिल ही जाती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, जालोर के छोटे से गांव में रहने वाले गुदड़ी के लाल  आसुराम देवासी ने. जिसने अपने संजोए सपनों को पूरा करने के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखी. वो रात को घंटो पढ़ाई करते थे. जिसका नतीजा सब के सामने हैं. वो युवाओं के लिए एक उदाहरण पेश कर रहे हैं.


ऐसा रहा संघर्ष से सफलता तक का सफर
आसुराम देवासी एक पशुपालक जाति से आते हैं. उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने गांव से की. उस दौरान वो माता-पिता के साथ खेती-बाड़ी में भी काम किया करते थे. माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वो सन 2006 में पढ़ाई छोड़कर महाराष्ट्र मजदूरी करने के लिए चलें गए. वहां उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक बहुत ही कम मजदूरी में सेठ साहूकारों के दुकान पर गांठे उठाने काम किया. उसके बाद लगभग साढ़े तीन साल तक तमिलनाडु में सेठ के यहां नौकरी की. बाद में अपने गुरु और भाई के कहने पर उन्होंने फिर से पढ़ाई करने की ठानी.


इसके बाद उन्होंने 2011 में स्वयंपाठी के रूप में 12वीं की परीक्षा पास की. इतना ही नहीं आगे की पढ़ाई के लिए वो जयपुर गए, और परिष्कार कॉलेज ऑफ ग्लोबल एक्सीलेंस इन जयपुर में एडमिशन लिया. वहां पर शानदार तरीके से करके स्नातक स्तर पर टॉप किया, और फिर स्नाकोत्तर के लिए राजस्थान विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में एडमिशन ले लिया.


आसूराम देवासी की अब तक की उपलब्धियां 
आसूराम देवासी का राजस्थान अधिनस्थ अकाउंट्स सर्विस में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर चयन हुआ. उन्होंने जालोर कोषाधिकारी कार्यालय में और जसवंतपुरा के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जूनियर अकाउंटेंट के पद पर भी कार्य किया. उसी दौरान सांख्यिकी विभाग में संगणक के पद पर भी उनका चयन हुआ, लेकिन उन्होंने वहां जॉइन नहीं किया. फिलहाल वो स्कूल लेक्चरर के रूप में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय आमलारी सिरोही में कार्यरत हैं,और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर रहे हैं.


युवाओं को दी ये सीख 
आसूराम देवासी कहते हैं कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी से जिंदगी में शानदार उपलब्धि हासिल की जा सकती है. उन्होंने कहा युवाओं को सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए, और तथा अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए. युवा स्वयं पर भरोसा कायम रखेंगे तो उनको सफलता अवश्य मिलती है. अपनी सफलता पर उन्होंने कहा मेरी सफलता में माता-पिता, गुरूजनों, बड़े भाई , मेरे राजस्थान विश्वविद्यालय कालेज प्रोफेसर और मेरे छात्रावास के सहपाठियों का विशेष योगदान रहा.


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