Jat Community Reservation Protest: धौलपुर के जाट समाज को केंद्र में ओबीसी के आरक्षण के लाभ की मांग को लेकर जाट समाज की तरफ से कल 17 तारीख से उच्चैन थाना क्षेत्र के जयचोली स्टेशन के पास महापड़ाव शुरू किया जायेगा. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की तरफ से 7 जनवरी को महापंचायत कर सरकार को वार्ता के लिए 10 दिन का समय दिया गया था, लेकिन सरकार की तरफ से आज तक जाट आरक्षण संघर्ष समिति से किसी भी प्रकार की वार्ता की पहल नहीं की गई है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार (Nem Singh Faujadar) के तरफ से 12 जनवरी को जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन उसके बाद भी सरकार की तरफ से आरक्षण संघर्ष समिति कोई भी वार्ता की पहल नहीं हुई है.

 

अब जाट समाज की तरफ से कल 17 जनवरी को महापड़ाव करने की तैयारियां शुरू कर दी है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने गांव-गांव जाकर नुक्क्ड़ सभा कर जाट समाज के लोगों को महापड़ाव में आने का निमंत्रण दिया है. महापड़ाव के लिए सोमवार को नदबई विधानसभा के पिपरऊ गांव में जाट समाज की एक बड़ी सभा आयोजित की गई, जिसमें आसपास के कई गांव के लोग मौजूद रहें. सभा में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने आवाहन किया कि वह 17 जनवरी को उच्चैन इलाके के जयचौली रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां से वह पहले पड़ाव की शुरुआत करेंगे. महापड़ाव में ही आगे की रणनीति जाट समाज तय करेगा.



 

क्या कहना है संयोजक नेम सिंह का?

 

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने बताया है कि भरतपुर और धौलपुर का जाट समाज आरक्षण की लड़ाई 1998 से लड़ रहा है. आरक्षण की लड़ाइ लड़ते हुए 25 वर्ष हो गए हैं. एक भी कागज ऐसा नहीं जिसकी पूर्ति हमने नहीं की हो. सारी लीगल फोर्मल्टी पूरी होने के बाद भी जानबूझकर सरकार दो जिलों के जाट समाज का मखौल उड़ा रही है. अब जाट समाज तंग आ चूका है. इस बार जाट समाज आरपार की लड़ाई के मूड़ में है. हम लोगों ने गांव-गांव जाकर लोगों को संगठित किया है और जागरूक किया है कि यह लड़ाई हमारे बच्चों के भविष्य की है.

 

कल 17 जनवरी से गांव जयचोली में महापड़ाव शुरू होगा. शुरुआत में आंदोलन का रूप गांधीवादी तरीके से रहेगा. हमने सरकार को 7 जनवरी से 17 जनवरी तक का समय दिया लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं हुई है. कल से महापड़ाव शुरू करेंगे. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार हमारे गांधीवादी तरीके को हमारी कमजोरी समझती है, तो यह सरकार की भूल होगी. हम पूर्ण रूप से आरपार की लड़ाई लड़ेंगे. हमने सारी टीमें गठित कर दी है.  कौन भोजन का इंतजाम करेगा और कौन चाय-पानी का यह सारी जिम्मेदारी हमने दे दी है. आंदोलन बहुत गंभीर है और बड़ा आंदोलन है. आंदोलन का मुख्य उद्देश्य यह है कि अब नहीं तो कभी नहीं. यह युवा तय कर चुके हैं कि इस बार हम तब पीछे हटेंगे जब हमे आरक्षण मिल जाएगा.

 

'भरतपुर में ट्रिपल इंजन की सरकार'

 

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने कहा की डबल इंजन की सरकार तो कई जगह है लेकिन भरतपुर में ट्रिपल इंजन की सरकार है. क्यों की मुख्यमत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर के रहने वाले हैं और हम अधिकार पूर्वक यह उम्मीद भी रखते हैं कि वो अपने भाइयों की जायज मांग को गंभीरता से लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बात करके अविलम्ब इस समस्या का समाधन कराये. आंदोलन कोई शौक में नहीं किये जाते हैं, आंदोलन मजबूरी में किए जाते हैं. सड़क और रेल की पटरी पर इस कड़ाके की सर्दी में हम जाकर बैठ रहें, धरना दे रहे हैं. घर छोड़कर जंगल में बैठते हैं तो आप समझ सकते हैं कि यह हमारे लिए कितनी गंभीर समस्या है.