Bharatpur Jat Community Reservation Protest: राजस्थान के भरतपुर में जाट समाज केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है. भरतपुर-धौलपुर जिलों के जाटों के आंदोलन महापड़ाव का गुरुवार (18 जनवरी) को दूसरा दिन है. ये आंदोल उच्चैन थाना क्षेत्र के गांव जयचोली में हो रहा है. इससे पहले जाट आरक्षण समिति द्वारा 7 जनवरी को एक महापंचायत कर सरकार को इस पर विचार करने के लिए 10 दिन का समय दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी वार्ता जाट आरक्षण समिति से नहीं की गई है.
गुरुवार (18 जनवरी) महापड़ाव का दूसरा दिन है. सरकार ने जयचोली रेलवे स्टेशन पर और गांव में महापड़ाव स्थल के पास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. हालांकि सरकार द्वारा प्रदर्शनकारियों से बातचीत को लेकर कोई पहल नहीं की गई. गौरतलब है कि विगत 17 जनवरी से जाट समाज द्वारा मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग से करीब 300 मीटर की दूरी पर आंदोलन महापड़ाव शुरू किया है. यहां गुजरने वाले रेल मार्ग और सड़कों को जल्द ही जाम करने की चेतावनी जारी की है. महापड़ाव स्थल पर आंदोलनकारियों के लिए खाने पीने और ठण्ड से बचने के लिए इंतजामात किया गया है.
प्राण प्रतिष्ठा तक होगा शांतिपूर्ण आंदोलन
जाट आंदोलन को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा मुंबई-दिल्ली रेलवे मार्ग पर रेलवे पुलिस बल तैनात किया गया है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार का कहना है कि 22 जनवरी को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है, इस लिए आंदोलन उग्र नहीं किया जा रहा है. 22 जनवरी तक आंदोलन शांतिपूर्ण गांधीवादी तरीके से जारी रहेगा, इस बीच सरकार कोई सकारात्मक वार्ता करती है तो ठीक नहीं तो 23 जनवरी से उग्र आंदोलन किया जाएगा.
22 जनवरी के बाद उग्र प्रदर्शन की चेतावनी
भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि केंद्र में भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी के आरक्षण का लाभ दिया जाये, इस मांग को लेकर विगत 17 जनवरी से महापड़ाव शुरू किया किया है. गुरुवार को महापड़ाव का दूसरा दिन है. संघर्ष समिति ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए 22 जनवरी तक गांधीवादी तरीके से आंदोलन करने का निर्णय लिया है. आंदोलनकारियों से बातचीत को लेकर सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई है.
'पिछली बार से भी बड़ा होगा ये आंदोलन'
नेम सिंह फौजदार ने आगे बताया कि 22 जनवरी तक हम शांति से बैठेंगे और उसके बाद आन्दोलन उग्र होगा. इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. हम अपनी जायज मांगों के लिए 1998 से लड़ रहे हैं. हमारे युवाओं क साथ जो खिलवाड़ हो रहा है, इसे जाट समाज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार रेल रोकने और सड़क पर जाम करने को ही आंदोलन मानती है, तो जाट समाज ने रेल रोकने और सड़क को जाम करने की तैयारी कर ली है. सरकार साल 2017 में भी हमारा आंदोलन देख चुकी है. नेम सिंह के मुताबिक, पिछली बार से भी बड़ा आंदोलन इस बार होगा. एक-एक गली, एक-एक सड़क पर जाम होगा, जाट समाज का बच्चा-बच्चा सड़क पर होगा.
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