Rajasthan News: अपनी कमियों को ठीक करें, उन पर काम करें, सफलता जरूर मिलेगी. यह बात कथावाचक और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने कोटा में एक कार्यक्रम के दौरान कही. जया किशोरी ने मोटिवेशनल टॉक शो के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित किया और उनके सवालों के जवाब भी दिए. जया किशोरी ने कहा कि यदि आपको पता है कि आपके अंदर कोई बुराई या कमी है और आप उसको ठीक नहीं कर रहे हैं तो इससे बुरी बात कुछ नहीं हो सकती है. यही आपको सफलता से दूर ले जाती है और अगर आप अपनी कमी को ठीक नहीं करेंगे तो सफलता कभी नहीं मिलेगी.


 इतना अभ्यास करो कि आप उस क्षेत्र के राजा बन जाएं
 मेरे जीवन की सीख है कि जब कोई काम करो तो ऐसा करो कि सारा ध्यान उसी पर हो. इतना अभ्यास करो कि आप उस क्षेत्र के राजा बन जाएं, फिर आपसे आगे उस क्षेत्र में कोई ना हो. उन्होंने कहा कि जीवन में हमारा सीखा ही काम आता. इसलिए लर्निंग महत्वपूर्ण है. नंबर मायने नहीं रखते. स्वास्थ जरूरी है, इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी और सात्विक खाना जरूरी है.


मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे विचार जरूरी 
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे विचार जरूरी है. अध्यात्म की ओर जाएं. प्रकृति, डिवाइन पावर से कनेक्ट हों. इससे आपको ऊर्जा मिलेगी. होश मिलेगा, जोश मिलेगा. नेम, फेम जीत नहीं है. मेरे हिसाब से विनर वह है जो खुश हैं. आप कर्म करो, मेहनत करो, उसके बाद जो होगा, अच्छा होगा. जया किशोरी ने ये भी कहा कि संघर्ष एक ऐसी चीज है जो आपको हमेशा सफलता की ओर ले जाती है. मुझे नहीं लगता कि आपको संघर्ष के बिना स्थाई रूप से कामयाबी मिल सकती है. शॉर्टकट वाले रास्ते भी आपको कामयाबी दिला सकते हैं लेकिन वह कुछ समय तक ही रहती है. जया किशोरी ने इस दौरान कोचिंग के छात्र-छात्राओं के कई सवालों के जवाब दिए.  
 स्टूडेंट का सवाल, पढ़ाई का स्ट्रेस कैसे मैनेज करें 
जया किशोरी ने कहा आप किसी से तुलना नहीं करें और अपना बेस्ट ट्राई करें. स्ट्रेस तब आता है जब आप जो कर रहे हैं, करना नहीं चाहते. इसलिए यह मानते हुए पढाई करें कि आज पढ़ाई कर ली तो आगे का जीवन आसान होगा और आज मजे किए तो कल आप अपनी जिंदगी में संघर्ष कर रहे होंगे.  
 
सलेक्ट नहीं हुआ तो मम्मी पापा को फेस कैसे करूंगा
जया किशोरी ने कहा कि अगर सलेक्ट नहीं हुए तो आप जाकर मान लेना कि पूरी कोशिश के बाद भी में नहीं कर पाया. मान कर चलें कि इस पूरी दुनिया मे मम्मी पापा से ज्यादा आपको कोई प्यार नही करता. उनके लिए आपकी सक्सेस जरूरी है पर आप उससे भी ज्यादा जरूरी है. जो आपके अपने हैं, उनके सामने सोच समझ के बोलिए. एंगर मैनेजमेंट घर से शुरू होता है, इसका पहला तरीका है अध्यात्म. जब आप अध्यात्म से जुड़ते हैं तो शांत होते हैं, खुद पर कंट्रोल आता है. दूसरा तरीका है जब भी आपको लगे आपके इमोशन बैलेंस नहीं हैं, तो तब बात मत करिए. मेरी इमोशन बैलेंस नहीं रहती हैं तो मैं दो-तीन घंटे बात नहीं करती हूं.