Rajasthan News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रहा है. देश में सबसे तेजी से बढ़ते एम्स में से एक जोधपुर एम्स ने अब एक अनूठा मुकाम हासिल किया है. इसने अत्याधुनिक दा विंची रोबोटिक प्रणाली का उपयोग करके 500 रोबोटिक सर्जरी को पूरा करने का महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है. इस प्रणाली का उपयोग करते हुए, बेहतर परिणामों के साथ सटीक तथा न्यूनतम रक्तस्राव के साथ जटिल सर्जरी की जा रही है. 5 प्रशिक्षित नर्सिंग अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों में 10 प्रशिक्षित रोबोटिक सर्जन हैं. इसके अलावा, कई अन्य प्रशिक्षित सर्जन इस रोबोटिक्स सिस्टम पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
पहले ऑपरेशन के लिए जाना पड़ता था दिल्ली और मुंबई
रोबोटिक्स ने सर्जनों को विभिन्न कैंसर सर्जरी और पुनर्निर्माण सर्जरी में उत्कृष्टता हासिल करने में मदद की है और यूरोलॉजी के क्षेत्र में यह कहीं अधिक उपयोगी है. दुनिया भर में रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा उपयोग प्रोस्टेट कैंसर और पेल्विक सर्जरी में रहा है. और यह एम्स, जोधपुर में अलग नहीं है. यूरोलॉजी विभाग के सह- आचार्य डॉ गौतम राम चौधरी ने बताया कि विभाग ने किडनी, ब्लैडर और प्रोस्टेट के 200 से अधिक जटिल तथा चुनौतीपूर्ण बीमारियों के ऑपरेशन किए है. प्रोस्टेट कैंसर के लिए सर्जरी, जिसे रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी कहा जाता है, एक कठिन सर्जरी है और ओपन या लैप्रोस्कोपिक तरीकों से करना मुश्किल है. इन रोगियों के लिए रोबोटिक सर्जरी एक वरदान रही है जो उन्हें एम्स, जोधपुर में कुशल रोबोट प्रशिक्षित यूरोलॉजिस्ट द्वारा की जाती है. पहले प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित लोगों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जाना पड़ता था, लेकिन अब पूरे राजस्थान से लोग अपने इलाज के लिए एम्स जोधपुर आ रहे हैं.
नेपाल से सुविधा लेने आते हैं मरीज
किडनी कैंसर का उन्नत उपचार, जिसमें किडनी से ट्यूमर को हटा दिया जाता है, बाकी किडनी को बरकरार रखते हुए रोबोट सिस्टम का उपयोग करके नियमित रूप से किया जाता है और कई मरीज, यहां तक कि पड़ोसी राज्यों और यहां तक कि नेपाल जैसे स्थानों से भी इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आए हैं. मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट व रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ कई प्रशिक्षित यूरो-ऑन्कोलॉजिकल सर्जनों के साथ, एम्स, जोधपुर में सभी यूरोलॉजिकल कैंसर का मल्टी-डिसिप्लिनेरी टूमर बोर्ड द्वारा उपचार किया जाता है. डॉ चौधरी का कहना है कि संस्था के निदेशक के मार्गदर्शन में उनका उद्देश्य रोबोटिक सर्जरी और यूरो-ऑन्कोलॉजी में लेटेस्ट अप्डेट्स एंड रीसर्च के लिए अंतरराष्ट्रीय केंद्रों के साथ भागीदारी करना है.
यह भी पढ़ें:
REET Paper Leak: सीएम गहलोत ने SOG को दिया 'फ्री हैंड', कहा- चाहे कोई भी हो करें सख्त कार्रवाई